उसके बाद वोडाफोन आइडिया ने कुछ सूचनाएं भेजी और शेष जानकारी देने के लिये 20 अगस्त तक का समय मांगा. वहीं एयरटेल के जवाब की अभी प्रतीक्षा है. मामले से जुड़े सूत्रों ने कहा कि कंपनियों ने नियामक के समक्ष 10 अगस्त को कुछ दावे किये और ट्राई ने उनसे उस बारे में संबंधित आंकड़े देने को कहा. इस संदर्भ में आंकड़े देने को लेकर दोनों कंपनियों को अनुस्मरण पत्र भेजे गये. ट्राई ने चर्चा का रिकार्ड भी जारी किया है. सूत्रों के अनुसार नियामक अगले कुछ दिनों में इस मामले में अंतिम निष्कर्ष पर पहुंच सकता है.
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ट्राई ने दोनों कंपनियों से दिये गये आंकड़े के स्रोत के बारे भी में ब्योरा देने को कहा है. साथ ही इस संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय संदर्भ या अध्ययन की जानकारी देने को कहा. उसने प्राथमिकता वाली योजना के संदर्भ में कंपनियों से यह भी पूछा कि वे खासकर दूरसंचार विभाग और अन्य एजेंसियों की जरूरतों को ध्यान में रखकर आपदा प्रबंधन और अन्य आपात कार्यों को कैसे समायोजित करेंगी. इस बारे में एयरटेल और वोडाफोन आइंडिया को ई-मेल भेजे गये, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया.
ट्राई फिलहाल वोडाफोन आइडिया की प्राथमिकता वाली योजना रेड एक्स और भारतीय एयरटेल की प्लैटिनम पेशकश की जांच कर रहा है. नियामक इस बात का पता लगा रहा है कि कुछ ग्राहकों को नेटवर्क में तरजीह मिलने से अन्य ग्राहकों को मिलने वाली सेवाओं पर असर तो नहीं पड़ा या नियमों का कोई उल्लंघन तो नहीं हुआ है.
Posted By : Pawan Singh
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