Vedanta Group: अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के बाद अब एक दूसरी शॉर्ट सेलिंग कंपनी‘वायसराय रिसर्च’ ने बिहार के उद्योगपति अनिल अग्रवाल की कंपनी पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं. वायसराय रिसर्च ने बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में बिहार के अरबपति उद्योगपति अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाले माइन्स ग्रुप वेदांता पर ‘वित्तीय रूप से अस्थिर’ होने और लेनदारों के लिए गंभीर जोखिम पैदा करने का आरोप लगाया गया है. वेदांता ने इन सभी आरोपों को ‘चुनिंदा भ्रामक सूचना और आधारहीन’ बताते हुए कहा कि इसके पीछे मकसद ग्रुन को बदनाम करने वाला बताते हुए सभी आरोपों को खारिज कर दिया है. इससे पहले, अमेरिका की एक अन्य शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने गौतम अदाणी के अदाणी ग्रुप पर भी गंभीर आरोप लगाए थे, जिसमें उसे मुंह की खानी पड़ी थी और अंतत: कंपनी को बंद कर देना पड़ा.
वेदांता रिसोर्सेज पर दांव लगाने का आरोप
अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग कंपनी वायसराय रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वह वेदांता लिमिटेड की मूल कंपनी और बहुलांश हिस्सेदारी रखने वाली वेदांता रिसोर्सेज के लोन बॉन्ड की कीमत भविष्य में गिरने का दांव लगा रही है. लोन सेगमेंट की कीमत के आगे चलकर गिरने पर दांव लगाने को बॉन्ड की ‘शॉर्ट सेलिंग’ भी कहा जाता है. यह शेयर कारोबार की एक रणनीति है, जहां निवेशक बॉन्ड या अन्य लोन साधनों की कीमत में गिरावट से लाभ कमाने की कोशिश करता है. रिपोर्ट जारी होने के बाद वेदांता के शेयर में 7.8% तक की गिरावट दर्ज की गई, लेकिन बाद में इसने नुकसान की एक हद तक भरपाई कर ली.
वायसराय रिसर्च ने वेदांता रिसोर्सेज को बताया परजीवि कंपनी
अमेरिकी फर्म वायसराय रिसर्च ने वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड (वीआरएल) को भारी कर्ज में डूबी मूल कंपनी बताते हुए कहा, ‘‘ग्रुप की पूरी संरचना आर्थिक रूप से अस्थिर है, परिचालन के स्तर पर कमजोरी है और लेनदारों के लिए एक गंभीर, कम-मूल्यांकन वाला जोखिम पैदा करती है.’’ वायसराय रिसर्च ने कहा, ‘‘वीआरएल एक ‘परजीवी’ मूल की कंपनी है, जिसका अपना कोई महत्वपूर्ण परिचालन नहीं है, जो पूरी तरह से अपने मरते हुए ‘मेजबान’ वेदांता लिमिटेड (वीईडीएल) से निकाली गई नकदी पर निर्भर है.’’
बुनियादी मूल्य को नष्ट कर रही वीईडीएल
रिपोर्ट में कहा गया है कि वेदांता रिसोर्सेज अपने कर्ज बोझ को कम करने के लिए वीईडीएल को व्यवस्थित रूप से खाली कर रही है, जिससे परिचालन कंपनी को लगातार बढ़ते कर्जभार को उठाने और अपने नकदी भंडार को समाप्त करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. रिपोर्ट कहती है, ‘‘यह लूट वीईडीएल के बुनियादी मूल्य को नष्ट कर रही है, जो वीआरएल के अपने लेनदारों के लिए प्राथमिक गारंटी है.’’
भ्रामक सूचनाओं के जरिए झूठा प्रचार: वेदांता
वेदांता ने इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए बयान में कहा, ‘‘यह रिपोर्ट ग्रुप को बदनाम करने के लिए चुनिंदा भ्रामक सूचनाओं और निराधार आरोपों का एक दुर्भावनापूर्ण मिश्रण है.’’ इसमें कहा गया, ‘‘यह रिपोर्ट हमसे संपर्क का कोई प्रयास किए बगैर केवल झूठे प्रचार के मकसद से जारी की गई है. इसमें सिर्फ पहले से ही सार्वजनिक रूप से उपलब्ध विभिन्न सूचनाओं का संकलन है, लेकिन इसे तैयार करने वालों ने बाजार की प्रतिक्रिया से फायदा उठाने के लिए संदर्भ को सनसनीखेज बनाने की कोशिश की है.’’
क्या है वायसराय रिसर्च का आरोप
अमेरिकी कंपनी ने वेदांता समूह में कुछ भौतिक मात्रात्मक और गुणात्मक विसंगतियों को ‘धोखाधड़ी के समान’ बताते हुए ‘बैट एंड स्विच फंडिंग मॉडल’ का उल्लेख किया है. उसका कहना है कि वेदांता लिमिटेड नई पूंजी जुटाने के लिए ऐसी बेतुकी परियोजनाओं का प्रवर्तन करती है, जिनका वह वहन नहीं कर सकती. बाद में यह पूंजी मूल कंपनी को उसके कर्ज चुकाने के लिए दे दी जाती है. इस रिपोर्ट में वेदांता के ब्याज व्यय के उसकी दर्ज दरों से कहीं अधिक होने, परिसंपत्तियों के मूल्यों में वृद्धि के प्रमाण, परिचालन वाली अनुषंगी कंपनियों की ओर से लाभ और परिसंपत्तियों के मूल्यों को कृत्रिम रूप से बढ़ाने के लिए व्यवस्थित रूप से पूंजीकृत किए जाने का आरोप लगाया गया है.
Vedanta – Limited Resources
— Viceroy (@viceroyresearch) July 9, 2025
Viceroy is short of Vedanta Resources (PropCo), the heavily indebted parent & majority owner of Vedanta Limited (NSE : VEDL). The group structure is financially unsustainable, operationally compromised, & resembles a Ponzi scheme. $VEDL 1/ pic.twitter.com/U15v9tlnPm
वेदांता के बही-खाते में विवादित व्यय: वायसराय रिसर्च
इसके अलावा, रिपोर्ट में अरबों डॉलर के विवादित व्यय को बही-खाते से बाहर रखने और वित्तीय रिपोर्ट में दर्ज नहीं करने की बात भी कही गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘वेदांता का मामला प्रबंधन और लेखा परीक्षकों के स्तर पर व्यवस्थित परिचालन विफलताओं को पेश करता है, जिसमें अनुचित लेखा परीक्षक विकल्प भी शामिल हैं.’’ यह रिपोर्ट वेदांता लिमिटेड के चेयरमैन अनिल अग्रवाल की ओर से वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में कंपनी के शेयरधारकों को संबोधित करने से एक दिन पहले आई है.
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हिंडनबर्ग ने अदाणी ग्रुप पर लगाया था गंभीर आरोप
वेदांता ग्रुप के खिलाफ आई इस रिपोर्ट ने अदाणी ग्रुप के खिलाफ जनवरी, 2023 में आई हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट की यादें ताजा कर दी हैं. हिंडनबर्ग ने अदाणी ग्रुप की कंपनियों पर शेयरों के भाव में हेराफेरी करने और वित्तीय लेखा में गड़बड़ी के आरोप लगाए थे. हालांकि, अदाणी ग्रुप ने उन सभी आरोपों का खंडन करते हुए उन्हें ‘निराधार’ और ‘दुर्भावनापूर्ण’ बताया था. लेकिन, इस रिपोर्ट के कारण अदाणी ग्रुप के शेयरों के मूल्य में 150 अरब डॉलर तक की भारी गिरावट आ गई थी. बाद में अदाणी ग्रुप के शेयरों के भाव सुधरते हुए नुकसान की काफी हद तक भरपाई करने में सफल रहे. वहीं, हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने कारोबार बंद करने की घोषणा कर दी है.
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