कूटनीतिक जीत मान रहा है पाकिस्तान
इस निर्णय को पाकिस्तान सरकार के लिए एक बड़ी कूटनीतिक और आर्थिक जीत माना जा रहा है. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, इस वित्तीय सहायता के बाद देश को निजी क्षेत्र से करीब 2.5 अरब डॉलर के अतिरिक्त निवेश की उम्मीद है. यह निवेश ‘रेको दिक’ परियोजना में बड़ी भूमिका निभा सकता है, जिससे पाकिस्तान की खनन और संसाधन विकास नीति को मजबूती मिलेगी.
साझेदारी और स्वामित्व
‘रेको दिक’ परियोजना का स्वामित्व बैरिक गोल्ड, पाकिस्तान सरकार और बलूचिस्तान सरकार के बीच साझा है. इस संयुक्त साझेदारी के तहत खनन कार्यों की योजना तैयार की गई है. परियोजना का संचालन और प्रबंधन अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार किया जाएगा, जिससे पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभावों को भी नियंत्रित किया जा सकेगा.
इसे भी पढ़ें: 27 जून को सरकारी बैंकों के प्रमुखों से मिलेंगी निर्मला सीतारमण, गवर्नमेंट स्कीम्स पर करेंगी चर्चा
2028 से उत्पादन की उम्मीद
यह परियोजना न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी, बल्कि विदेशी मुद्रा आय बढ़ाने में भी सहायक होगी. उम्मीद है कि इस खदान से 2028 में उत्पादन शुरू हो जाएगा. परियोजना पूरी होने के बाद यह पाकिस्तान के खनिज निर्यात को भी बढ़ा सकती है.
इसे भी पढ़ें: आधा भारत नहीं जानता क्या है मॉन्ट्रियल कन्वेंशन, जिससे हवाई हादसा पीड़ितों को मिलता है मुआवजा
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.