पाकिस्तान पर फिर मेहरबान हुआ विश्व बैंक, बलूचिस्तान के रेको दिक परियोजना के नाम पर दिया पैसा

World Bank: विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) ने पाकिस्तान की रेको दिक परियोजना के लिए 70 करोड़ डॉलर के रियायती कर्ज की मंजूरी दी है. बलूचिस्तान में स्थित यह परियोजना देश के खनिज क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका निभाएगी. इसके तहत 2028 तक खनन उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है. इस वित्तीय सहायता से पाकिस्तान को निजी निवेश में 2.5 अरब डॉलर तक की संभावनाएं दिख रही हैं, जो उसकी अर्थव्यवस्था और विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूती दे सकता है.

By KumarVishwat Sen | June 13, 2025 9:45 PM
an image

World Bank: पहलगाम हमले के बाद भारत का पाकिस्तान के साथ चल रहे तनाव के बीच विश्वबैंक आतंकवादियों के पनाहगाह देश पर अधिक मेहरबान दिखाई दे रहा है. अभी हाल के दिनों आर्थिक सहयोग देने के बाद अब विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) ने मिलकर पाकिस्तान की महत्वाकांक्षी ‘रेको दिक’ परियोजना के लिए 70 करोड़ अमेरिकी डॉलर के रियायती कर्ज की मंजूरी दी है. यह परियोजना पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में स्थित है, जिसे खनिज संसाधनों की दृष्टि से बेहद समृद्ध क्षेत्र माना जाता है.

कूटनीतिक जीत मान रहा है पाकिस्तान

इस निर्णय को पाकिस्तान सरकार के लिए एक बड़ी कूटनीतिक और आर्थिक जीत माना जा रहा है. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, इस वित्तीय सहायता के बाद देश को निजी क्षेत्र से करीब 2.5 अरब डॉलर के अतिरिक्त निवेश की उम्मीद है. यह निवेश ‘रेको दिक’ परियोजना में बड़ी भूमिका निभा सकता है, जिससे पाकिस्तान की खनन और संसाधन विकास नीति को मजबूती मिलेगी.

साझेदारी और स्वामित्व

‘रेको दिक’ परियोजना का स्वामित्व बैरिक गोल्ड, पाकिस्तान सरकार और बलूचिस्तान सरकार के बीच साझा है. इस संयुक्त साझेदारी के तहत खनन कार्यों की योजना तैयार की गई है. परियोजना का संचालन और प्रबंधन अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार किया जाएगा, जिससे पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभावों को भी नियंत्रित किया जा सकेगा.

इसे भी पढ़ें: 27 जून को सरकारी बैंकों के प्रमुखों से मिलेंगी निर्मला सीतारमण, गवर्नमेंट स्कीम्स पर करेंगी चर्चा

2028 से उत्पादन की उम्मीद

यह परियोजना न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी, बल्कि विदेशी मुद्रा आय बढ़ाने में भी सहायक होगी. उम्मीद है कि इस खदान से 2028 में उत्पादन शुरू हो जाएगा. परियोजना पूरी होने के बाद यह पाकिस्तान के खनिज निर्यात को भी बढ़ा सकती है.

इसे भी पढ़ें: आधा भारत नहीं जानता क्या है मॉन्ट्रियल कन्वेंशन, जिससे हवाई हादसा पीड़ितों को मिलता है मुआवजा

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

Business

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version