दिल्ली से पंकज पाठक और सूरज ठाकुर की रिपोर्ट:दिल्ली में अधिकांश आबादी कभी ना कभी, कहीं ना कहीं से रोजगार की तलाश में आई है. चाहे वो परंपरागत तरीके से दुकान चला रहा हो, किसी ऑफिस में काम कर रहा हो या अस्थायी ठेला-खोमचा वाला है. दिल्ली की अर्थव्यवस्था में इन सबका योगदान है. दिल्ली चुनाव के मद्देनजर, यहां के व्यापारियों के मुद्दे क्या हैं, दिक्कतें क्या हैं और वो आने वाली सरकार से क्या उम्मीद रखते हैं, हमने इस बारे में बात करने के लिए लक्ष्मीनगर का रूख किया.
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