Designer बनकर दुनिया में भरें उड़ान, BDes कोर्स से शुरू करें अपनी क्रिएटिव जर्नी

BDes Course: बीडैस यानी बैचलर ऑफ डिजाइन एक अंडरग्रेजुएट डिग्री कोर्स है जो रचनात्मक सोच, डिजाइन स्किल्स और इनोवेशन पर केंद्रित होता है. यह कोर्स फैशन, ग्राफिक, प्रोडक्ट, इंटीरियर और एनिमेशन जैसे क्षेत्रों में करियर बनाने वाले छात्रों के लिए उपयुक्त है. इसमें तकनीकी ज्ञान, सॉफ्टवेयर ट्रेनिंग, प्रोजेक्ट वर्क और प्रैक्टिकल अनुभव दिया जाता है ताकि छात्र इंडस्ट्री में एक सफल डिजाइनर बन सकें.

By Ravi Mallick | August 3, 2025 1:03 PM
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BDes Course: बीडैस यानी बैचलर ऑफ डिजाइन एक अंडरग्रेजुएट डिग्री कोर्स है जो रचनात्मक सोच, डिजाइन स्किल्स और इनोवेशन पर आधारित होता है. यह कोर्स उन छात्रों के लिए है जो फैशन, ग्राफिक, प्रोडक्ट, इंटीरियर या एनिमेशन जैसे क्षेत्रों में करियर बनाना चाहते हैं. इस कोर्स में स्टूडेंट्स को डिजाइन से जुड़ी तकनीकी जानकारी, सॉफ्टवेयर का उपयोग, प्रोजेक्ट वर्क और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी जाती है. वे इंडस्ट्री में एक सफल डिजाइनर बन सकें.

BDes Course Duration: कितने साल का होता हैं बी डिजाइन

यह कोर्स आमतौर पर 4 साल का होता है और इसमें हर साल अलग-अलग विषयों पर ध्यान दिया जाता है जैसे कि ड्राइंग, विजुअल आर्ट्स, डिजाइन थ्योरी, कंप्यूटर-आधारित डिजाइन आदि.

Eligibility Criteria for B Design

BDes कोर्स में प्रवेश के लिए छात्रों को किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड जैसे CBSE, ICSE या राज्य बोर्ड से 12वीं कक्षा पास होना जरूरी है और इसमें किसी विशेष विषय की अनिवार्यता नहीं होती यानी साइंस, आर्ट्स या कॉमर्स किसी भी स्ट्रीम से पढ़े छात्र आवेदन कर सकते हैं. कई कॉलेजों में न्यूनतम 50% अंक आवश्यक होते हैं. हालांकि कुछ संस्थानों में कटऑफ इससे अधिक भी हो सकती है.

BDes Course Entrance Exams: BDes के लिए प्रमुख प्रवेश परीक्षा

  • NID DAT
  • UCEED
  • NIFT Entrance Exam
  • MITID DAT
  • SEED (Symbiosis Entrance Exam for Design)
  • AIEED (All India Entrance Examination for Design)
  • Pearl Academy Entrance Exam
  • UID Design Aptitude Test (Unitedworld Institute of Design)
  • ISDI Design Aptitude Test
  • IIAD Entrance Exam (Indian Institute of Art and Design)

Top College for Bachelor of Design: BDes के लिए भारत के टॉप कॉलेज

क्रम संख्यासंस्थान का नामस्थान
1नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (NID)अहमदाबाद
2नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT)दिल्ली
3IIT बॉम्बे – IDC स्कूल ऑफ डिजाइनमुंबई
4IIT गुवाहाटी – डिपार्टमेंट ऑफ डिजाइनगुवाहाटी
5MIT इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइनपुणे
6Srishti इंस्टीट्यूट ऑफ आर्ट, डिजाइन एंड टेक्नोलॉजीबेंगलुरु
7UPES स्कूल ऑफ डिजाइनदेहरादून
8इंटीरियर डिजाइन इंस्टीट्यूटमुंबई
9वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइनहरियाणा
10अमेठी यूनिवर्सिटीनोएडा

Career opportunities after B Design: करियर के मौके

फैशन डिजाइनर: अगर आपने फैशन डिजाइन में स्पेशलाइजेशन किया है, तो आप फैशन इंडस्ट्री में कपड़ों और ट्रेंड्स को डिजाइन करने का काम कर सकते हैं.

ग्राफिक डिजाइनर: लोगो, पोस्टर, ब्रोशर, वेबसाइट या विज्ञापन के लिए डिजाइन तैयार करना. यह मीडिया, एडवर्टाइजिंग और डिजिटल मार्केटिंग कंपनियों में बहुत डिमांड में है.

UI/UX डिजाइनर: मोबाइल ऐप्स और वेबसाइट्स को यूज़र-फ्रेंडली और आकर्षक बनाने का काम आजकल टेक कंपनियों में इसकी बहुत ज़रूरत है.

प्रोडक्ट डिजाइन: प्रोडक्ट डिजाइन मे दैनिक उपयोग की चीज़ें जैसे बॉटल, फर्नीचर, गैजेट्स आदि को इनोवेटिव और यूजेबल बनाना मैन्युफैक्चरिंग और टेक कंपनियों में अच्छा स्कोप है.

इंटीरियर डिजाइनर: इंटीरियर डिजाइनर मे घरों, दफ्तरों और कमर्शियल स्पेस को सुंदर और उपयोगी तरीके से सजाने का काम रियल एस्टेट और आर्किटेक्चर फर्म में करियर बनाया जा सकता है.

एनिमेशन और VFX आर्टिस्ट: अगर आपने मल्टीमीडिया या एनिमेशन से जुड़ा कोर्स किया है.तो फिल्मों, गेम्स और विज्ञापनों में काम कर सकते हैं.

डिजाइन कंसल्टेंट: डिजाइन कंसल्टेंट मे आप फ्रीलांसर के रूप में या कंपनियों के लिए डिजाइन सलाहकार के रूप में काम कर सकते हैं.

डिजाइन टीचर या प्रोफेसर: डिजाइन टीचर या प्रोफेसर अगर आपको पढ़ाना पसंद है, तो आप आगे पढ़ाई करके डिजाइन कॉलेज में शिक्षक भी बन सकते हैं.

Salary after BDes: बीडेस के बाद सैलरी

BDes कोर्स पूरा करने के बाद शुरू में एक फ्रेशर को लगभग 3 लाख से 6 लाख सालाना तक की सैलरी मिल सकती है, जो महीने के हिसाब से लगभग 25,000 से 50,000 तक होती है. अनुभव बढ़ने के साथ यह सैलरी 6 लाख से 10 लाख सालाना या उससे अधिक भी हो सकती है, खासकर UI/UX डिजाइन या प्रोडक्ट डिजाइन जैसे क्षेत्रों में. अगर आपने NID, NIFT या IIT जैसे टॉप कॉलेज से पढ़ाई की है तो स्टार्टिंग सैलरी और भी बेहतर हो सकती है.

रिपोर्ट- श्रेया सलोनी पांडे

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