IIT Success Story: कौन हैं अमृता वालिया, इस IIT से की पढ़ाई, Microsoft से मिला लाखों का पैकेज
IIT Success Story: आज हम एक ऐसी महिला के बारे में बताएंगे जिन्होंने बहुत ही कम उम्र में एक नई दो बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली. सबसे पहले IIT Kanpur में जगह बनाई. इसके बाद उन्हें माइक्रोसॉफ्ट से नौकरी का ऑफर मिला. आइए, जानते हैं अमृता वालिया की सफलता की कहानी-
By Shambhavi Shivani | July 9, 2025 7:58 PM
IIT Success Story: अमृता वालिया उन लड़कियों में से हैं, जिन्होंने अपनी लिए अलग राह चुनी. जिस उम्र में लोग ये सोच रहे होते हैं कि कौन सा करियर चुनें, अमृता ने अपनी पहचान बना ली. यूपी की रहने वाली अमृता आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) से पढ़ी हैं. डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने दुनिया की मशहूर टेक कंपनी में से एक माइक्रोसॉफ्ट में नौकरी पाई. उनकी इस उपलब्धि पर न सिर्फ परिवार वाले खुश हैं बल्कि वे छोटे शहरों से आने वाली कई लड़कियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं.
IIT Success Story: आईआईटी कानपुर से हासिल की डिग्री
स्कूली पढ़ाई के बाद अमृता ने स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर भोपाल से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. उन्होंने आर्किटेक्चर में बीटेक की डिग्री हासिल की. उनके लिंक्डइन प्रोफाइल पर मिली जानकारी के अनुसार, ग्रेजुएशन में उनका ग्रेड 8.09 CGPA रहा. इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने IIT Kanpur का रुख किया. यहां से उन्होंने 9.75 CGPA के साथ डिजाइन में एमए की डिग्री हासिल की. अमृता का जो प्रोफाइल है वो है प्रोडक्ट डिजाइनर का.
IIT Success Story: माइक्रोसॉफ्ट से मिला ऑफर
आईआईटी से डिग्री हासिल करने के बाद अमृता को माइक्रोसॉफ्ट से ऑफर मिला. उन्होंने 2 महीने पहले ही माइक्रोसॉफ्ट के साथ जुड़कर काम करना शुरू किया. वे अपने लिंक्डइन प्रोफाइल पर काफी एक्टिव हैं और यहां अपने अकैडमिक और प्रोफेशनल लाइफ से जुड़े अपडेट्स शेयर करती रहती हैं. उन्होंने अपने एक पोस्ट में लिखा है कि मैंने दो साल पहले मैंने सोचा नहीं था कि इतना कुछ बदल जाएगा और मेरे काम करने और सोचने के तरीके में इतना बदलाव आएगा.
IIT Success Story: लाखों लड़कियों के लिए प्रेरणा बनीं अमृता
अमृता की कहानी उन सभी लड़कियों के लिए प्रेरणा है जो ट्रेडिशनल करियर से हटकर कुछ चुनना चाहती हैं. अमृता आज जो भी हैं उसमें उनके माता-पिता ने भी बड़ी भूमिका निभाई है. अमृता हमेशा से चुलबुली और नई चीजों को सीखने-जानने को लेकर उत्सुक रहने वाली बच्ची थीं. उनके माता-पिता ने उनकी इस हुनर को पहचाना और उन्हें हमेशा सपोर्ट किया.