12वीं के बाद बनाना है लॉ में करियर? तो जान लें वकील, एडवोकेट और बैरिस्टर में क्या अंतर है?
अगर आप कानून के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं तो सिर्फ डिग्री ही नहीं आपको यह भी जानना जरूरी है कि Lawyer, Advocate और Barrister में क्या अंतर है. सही जानकारी के साथ अगर तैयारी की जाए, तो यह करियर सम्मान, पैसा और समाज सेवा तीनों का संतुलन देता है. यहां देखें How to become Lawyer 2025 के बारे में विस्तार से.
By Shubham | July 8, 2025 9:26 AM
How to Become Lawyer 2025 in Hindi: अगर आप 12वीं के बाद लॉ (Law) में करियर बनाने की सोच रहे हैं तो सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि वकील (Lawyer), एडवोकेट (Advocate) और बैरिस्टर (Barrister) तीनों एक जैसे नहीं होते. भले ही आम भाषा में इन शब्दों का उपयोग एक-दूसरे के लिए किया जाता है लेकिन इनके लिए योग्यता, कार्य क्षेत्र और अधिकार अलग-अलग होते हैं. आइए जानते हैं इस क्षेत्र में कैसे करियर शुरू करें और इन प्रोफेशनल्स में क्या मुख्य अंतर होता है.
How to Become Lawyer 2025: लॉ में कैसे बनाएं करियर?
12वीं पास किसी भी स्ट्रीम से (Arts, Commerce, Science)
न्यूनतम 45 प्रतिशत अंक (कुछ यूनिवर्सिटी में रिजर्वेशन के अनुसार छूट)
5 साल का इंटीग्रेटेड कोर्स (BA LLB, BBA LLB, BCom LLB)
12वीं के बाद डायरेक्ट एडमिश- 3 साल का LLB कोर्स
टॉप लॉ एंट्रेंस एग्जाम्स: CLAT (Common Law Admission Test) – 22 राष्ट्रीय लॉ यूनिवर्सिटी के लिए
AILET, SLAT, MHCET Law- प्राइवेट व स्टेट यूनिवर्सिटी के लिए.
Lawyer (वकील)- ‘Lawyer’ एक सामान्य शब्द है जो किसी भी ऐसे व्यक्ति के लिए उपयोग होता है जिसने कानून की पढ़ाई की हो. वह अदालत में केस नहीं लड़ सकता जब तक वो बार काउंसिल से रजिस्टर्ड न हो.
Advocate (एडवोकेट)- Advocate वही बन सकता है जो LLB पास करने के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) में रजिस्ट्रेशन करवा चुका हो. उसे अदालत में केस लड़ने का अधिकार होता है. वह क्लाइंट को कानून सलाह भी दे सकता है.
Barrister (बैरिस्टर)- यह टाइटल उन लोगों को मिलता है जिन्होंने UK (इंग्लैंड) से लॉ की पढ़ाई की होती है, खासतौर पर ‘Bar-at-law’ की डिग्री ली हो. भारत में यह टाइटल ब्रिटिश सिस्टम से लिया गया था, अब यह कम प्रयोग होता है.