Success Story: जिसने हार नहीं मानी…
रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के कुरावली तहसील के गांव घर्नाजपुर के रहने वाले सूरज तिवारी ने 2022 की UPSC सिविल सेवा परीक्षा में 971वीं रैंक हासिल की. उन्होंने यह उपलब्धि अपने पहले ही प्रयास में हासिल की लेकिन किस्मत ने उनका सबसे बड़ा इम्तिहान पहले ही ले लिया था.
यह भी पढ़ें- 1 Sign, लाखों की बर्बादी नहीं…बराती न टेंट का झंझट, सिर्फ 2000 के खर्च में एक-दूसरे के हुए IAS-IFS
एक हादसा, जिसने सब कुछ बदल दिया (Success Story in Hindi)
साल 2017 में सूरज बीएससी की पढ़ाई कर रहे थे और 24 जनवरी को जब वह एक ट्रेन से सफर कर रहे थे, तो दादरी में एक बड़ा हादसा हो गया. इस हादसे में उन्होंने दोनों पैर, दायां हाथ, और बाएं हाथ की दो उंगलियां खो दीं. ऐसी परिस्थिति में जहां कोई आम इंसान टूट जाता है, वहां सूरज ने हार मानने के बजाय नया रास्ता चुना और यह संघर्ष का रास्ता था.
न कोचिंग, न ट्यूशन– सिर्फ आत्मविश्वास और मेहनत (Success Story)
सबसे खास बात ये है कि सूरज ने UPSC जैसी कठिन परीक्षा बिना किसी कोचिंग के पास की. उन्होंने घर पर रहकर ही सेल्फ-स्टडी की और खुद पर भरोसा किया. उनके पास हाथ नहीं थे, लेकिन हौसला था. पैर नहीं थे, लेकिन सपनों को उड़ान देने का जज़्बा था.
UPSC Success Story: आज बन गए हजारों युवाओं की प्रेरणा
सूरज तिवारी की यह कहानी आज लाखों युवाओं के लिए एक मिसाल बन गई है. उन्होंने यह साबित कर दिया कि किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए सबसे जरूरी चीज होती है हिम्मत, लगन और कभी न हार मानने वाला जज्बा.
यह भी पढ़ें- Success Story: पढ़ाई के लिए बिक गया घर..पिता के संघर्ष से सफलता का सपना, पहले ही प्रयास में बेटा IAS Topper