Corrupt IAS Officers in India: यूपीएससी परीक्षा भारत ही नहीं, बल्कि विश्व की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है. इसे पास करना केवल प्रतिभा का नहीं, बल्कि अद्वितीय समर्पण, अनुशासन और कठिन परिश्रम का प्रमाण होता है. छोटे शहरों से लेकर महानगरों तक, हजारों युवा इस परीक्षा को पास कर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) का हिस्सा बनने का सपना देखते हैं. उनका उद्देश्य केवल एक प्रतिष्ठित पद प्राप्त करना नहीं, बल्कि देश की शासन व्यवस्था को प्रभावी और पारदर्शी बनाना होता है.
Corrupt IAS Officers in India: भ्रष्ट आईएएस अधिकारी
IAS अधिकारियों को भारतीय प्रशासनिक ढांचे का “स्टील फ्रेम” कहा जाता है, जो देश की नीतियों और प्रशासन की रीढ़ माने जाते हैं. लेकिन, समय-समय पर सामने आए भ्रष्टाचार के मामलों ने इस छवि को धूमिल किया है. सत्ता, प्रभाव और अवसरों की अधिकता ने कुछ अधिकारियों को नैतिकता से डगमगाने पर मजबूर किया. ऐसे कई उदाहरण हैं, जब प्रशासनिक सेवा के कुछ अधिकारी अपने कर्तव्यों से भटक गए और भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर गए. आइए, कुछ प्रसिद्ध आईएएस अधिकारियों के बारे में जानते हैं जिन पर अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्ट आचरण के आरोप लगे हैं और जिन्होंने सेवा की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं.
समीर विष्णोई (छत्तीसगढ़ कैडर)
अक्टूबर 2022 में डायरेक्टरेट डिपार्टमेंट (ईडी) ने समीर विश्नोई को मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध लेवी वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया था. उनके घर से ₹47 लाख नकद, सोना, विक्रय और अन्य संपत्तियां बरामद हुईं. आरोप था कि उन्होंने 16 महीने में 500 करोड़ रुपये के गरीब परिवार से कोयला परिवहन पर 25 रुपये प्रति टन की अवैध उगाही की थी.
पूजा सिंघल (झारखंड कैडर)
देश की सबसे कम उम्र में IAS बनने वाली पूजा सिंघल पर मनरेगा फंड घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. ED ने उन्हें गिरफ्तार कर उनके खिलाफ PMLA कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की. उन पर सरकारी धन का दुरुपयोग कर निजी संपत्ति खरीदने के गंभीर आरोप हैं.
के. राजेश (गुजरात कैडर)
गुजरात कैडर के IAS अधिकारी के. राजेश को अगस्त 2022 में रिश्वत लेने और अवैध संपत्ति अर्जित करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर जनता से अवैध लाभ लिया और उसे अपनी संपत्तियों में निवेश किया.
नीरा यादव (उत्तर प्रदेश कैडर)
नीरा यादव नोएडा लैंड अलॉटमेंट घोटाले में दोषी पाई गईं. उन पर आरोप है कि उन्होंने नियमों का उल्लंघन कर अपने परिवार को आर्थिक लाभ पहुंचाया. सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार के कारण उन्हें दो साल की जेल की सजा सुनाई.
बाबूलाल अग्रवाल (छत्तीसगढ़ कैडर)
छत्तीसगढ़ कैडर के बाबूलाल अग्रवाल पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और 400 फर्जी बैंक खाते खोलने के आरोप लगे. ED ने उनकी संपत्तियों को जब्त कर उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की.
राकेश बहादुर (उत्तर प्रदेश कैडर)
उत्तर प्रदेश कैडर के राकेश बहादुर पर ₹4000 करोड़ के नोएडा भूमि घोटाले में शामिल होने का आरोप है। न्यायालय ने भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते उन्हें पद से हटाने का आदेश दिया था।
सुभाष अहलूवालिया (हिमाचल प्रदेश कैडर)
हिमाचल प्रदेश कैडर के सुभाष अहलूवालिया पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप था. मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव के रूप में कार्यरत रहते हुए उन्हें और उनकी पत्नी को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने निलंबित कर गिरफ्तार किया. हालांकि, बाद में विभागीय जांच में मंजूरी मिलने के बाद उन्हें बहाल कर दिया गया.
2025 में नए भ्रष्टाचार के मामले
संजीव हंस (बिहार कैडर)
जनवरी 2025 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार हुए. उनके खिलाफ अभी जांच जारी है.
कुमार राजीव रंजन (जम्मू-कश्मीर कैडर)
फरवरी 2025 में सीबीआई ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में केस दर्ज किया.
अस्वीकरण: यह लेख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध रिपोर्टों, न्यायालयीय दस्तावेजों और प्रवर्तन एजेंसियों के आधिकारिक बयानों पर आधारित है. इसका उद्देश्य केवल जानकारी देना है, न कि किसी को दोषी ठहराना. सभी आरोप जांच और न्यायिक प्रक्रिया के अधीन हैं.