क्या है एंटीमैटर (Antimatter)? (Most Expensive Substance)
रिपोर्ट्स और रिसर्च के मुताबिक, एंटीमैटर, साधारण पदार्थ का उल्टा रूप होता है. जहां आम परमाणु में इलेक्ट्रॉन होता है, वहीं एंटीमैटर में पॉजिट्रॉन होता है. सामान्य प्रोटॉन के स्थान पर इसमें एंटीप्रोटॉन होता है. एंटीमैटर को वैज्ञानिकों ने लंबे रिसर्च के बाद पार्टिकल एक्सीलरेटर में तैयार किया है. इसकी प्रकृति इतनी अस्थिर है कि यह साधारण पदार्थ से मिलते ही जबरदस्त विस्फोट करता है.
एंटीमैटर की कीमत कितनी है? (Most Expensive Substance)
1 ग्राम एंटीमैटर की कीमत लगभग $62.5 ट्रिलियन डॉलर (यानी लगभग 5,000 लाख करोड़ रुपये) है. इसका निर्माण बहुत ही जटिल और महंगा है. इसे स्टोर करना लगभग असंभव है क्योंकि यह तुरंत सामान्य पदार्थ से प्रतिक्रिया करता है.
पृथ्वी के अन्य महंगे पदार्थ (प्रति ग्राम कीमत) (Most Expensive Substance)
पदार्थ | कीमत (USD में) |
एंटीमैटर | 62.5 ट्रिलियन |
कैलिफोर्नियम-252 | 27 मिलियन |
हीरा | 50,000 – 100,000 |
प्लेटिनम | 30 – 50 |
क्यों है एंटीमैटर इतना खास? (Most Expensive Substance Antimatter)
एंटीमैटर को बनाने के लिए लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (CERN) जैसे महंगे एक्सीलरेटर की ज़रूरत होती है। इसके निर्माण में करोड़ों डॉलर और वर्षों की मेहनत लगती है. वैज्ञानिकों का मानना है कि एंटीमैटर एक दिन स्पेसशिप्स और हाई एनर्जी सिस्टम को पावर देने में सक्षम हो सकता है. जैसे ही एंटीमैटर किसी सामान्य पदार्थ से टकराता है, तुरंत विशाल ऊर्जा निकलती है. इसलिए इसे मेडिकल या इंडस्ट्रियल इस्तेमाल में लाना फिलहाल मुमकिन नहीं है.
नोट- Most Expensive Substance Antimatter की जानकारी पूरी तरह से रिपोर्ट और रिसर्च के आधार पर दी जा रही है. प्रभात खबर की टीम ने इसमें खुद से कुछ नहीं जोड़ा है.
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