कहां और कब मिला था पहला हीरा?
इतिहास में दर्ज रिपोर्ट्स बताती हैं कि भारत में हीरे की खोज 1000 ईसा पूर्व (BC) में हो गई थी. भारत ही वह देश था, जहां से साल 1896 तक पूरी दुनिया को हीरे की आपूर्ति होती थी. यानी भारत उस दौर में दुनिया का इकलौता देश था, जहां से हीरे मिलते थे.
हीरा कैसे बनता है?
हीरा कोई आम धातु नहीं है. यह धरती की गहराई में उच्च तापमान और दबाव में बनता है. इसे धरती से निकालने, काटने और चमकाने (कटिंग और पॉलिशिंग) की प्रक्रिया बेहद जटिल होती है. कटाई के बाद ही कुछ हीरे ऐसे होते हैं जो रत्न-गुणवत्ता के होते हैं, जिनकी मार्केट में डिमांड होती है.
सिंकदर और हीरे का सफर
ऐतिहासिक दस्तावेजों के मुताबिक, जब सिकंदर महान (Alexander the Great) 327 ईसा पूर्व में भारत आए थे, तब वे यहां से हीरे लेकर यूरोप लौटे थे. यानी यूरोप को भी हीरे की पहली झलक भारत से ही मिली.
गोलकोंडा की खदानें और भारत की शान
भारत के गोलकोंडा की हीरा खदानें पूरी दुनिया में मशहूर रही हैं. कोहिनूर जैसे कई बेशकीमती हीरे यहीं से निकले थे. इन खदानों से निकले हीरों की चमक ने दुनिया को भारत की समृद्धि और सांस्कृतिक विरासत से रूबरू कराया.
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