Lata Mangeshkar Education: भारत रत्न और स्वर कोकिला के नाम से प्रसिद्ध लता मंगेशकर का निधन 2022 में, 92 वर्ष की आयु में हुआ था. उनका संगीत और कला की दुनिया में दिया गया योगदान आज भी लोगों के दिलों में जीवित है. लता मंगेशकर न केवल भारतीय संगीत की अनमोल धरोहर थीं, बल्कि उनकी अद्वितीय आवाज ने पूरी दुनिया को मंत्रमुग्ध किया. उनकी गायकी और संगीत की दुनिया में विशेष स्थान हमेशा रहेगा, और उनके द्वारा गाए गए गाने भारतीय सिनेमा के अभिन्न हिस्से के रूप में सदा जीवित रहेंगे. लता मंगेशकर के जीवन और शिक्षा से जुड़ी एक रोचक बात यह है कि उन्होंने अपनी अधिकांश शिक्षा बिना पारंपरिक स्कूलों में गए ही पूरी की थी. उनका ध्यान हमेशा संगीत पर केंद्रित था, और वे अपने पिता, पंडित दीनानाथ मंगेशकर से घर पर ही संगीत की शिक्षा ले रही थीं. उनका संगीत के प्रति लगाव बचपन से था, और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बिना औपचारिक शिक्षा के की, केवल अपने परिवार और जीवन के अनुभवों से. चर्चा की एक और दिलचस्प बात यह है कि लता मंगेशकर के पास कुल छह डॉक्टरेट डिग्रियां थीं, जो उनके संगीत क्षेत्र में किए गए असाधारण योगदान को मान्यता देने के रूप में उन्हें मिली. यह डिग्रियां विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों द्वारा उन्हें सम्मानित की गईं, जो उनके शिक्षा के प्रति अद्वितीय दृष्टिकोण और संगीत के प्रति उनके योगदान को सलाम करती थीं. यह एक तरह से इस बात का प्रमाण था कि लता मंगेशकर ने भले ही पारंपरिक शिक्षा प्राप्त नहीं की, लेकिन उनकी कला और साधना ने उन्हें सम्मान और ज्ञान के उच्चतम स्तर पर पहुंचाया.
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