Success Story: IIT, IIM नहीं बिहार के इस कॉलेज से शांभवी को मिली Google में जॉब, पैकेज लाखों में

Success Story: बख्तियारपुर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पटना बिहार का उभरता हुआ सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज है. यहां से निकले छात्र गूगल जैसी वैश्विक कंपनियों में काम कर रहे हैं. कॉलेज का प्लेसमेंट रिकॉर्ड लगातार बेहतर हो रहा है. सीमित संसाधनों के बीच यह संस्थान तकनीकी प्रतिभाओं की नई पौध तैयार कर रहा है.

By Govind Jee | April 6, 2025 2:04 PM
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Success Story in Hindi: बिहार में जब भी इंजीनियरिंग कॉलेज की बात होती है, तो ज्यादातर लोगों को IIT पटना या NIT पटना का नाम याद आता है. लेकिन बिहार में एक और सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज है, बख्तियारपुर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (BCE), पटना, जो अब छात्रों के लिए एक नई उम्मीद बन गया है. यह कॉलेज साल 2016 में शुरू हुआ था और पटना जिले के बख्तियारपुर अनुमंडल के देदौर गांव, चंपापुर में स्थित है. आज यह कॉलेज प्लेसमेंट के मामले में IIT पटना और NIT पटना को टक्कर दे रहा है. 

इस लेख में हम आपको एक ऐसे छात्र की कहानी बताएंगे, जिसने इसी कॉलेज से पढ़ाई कर गूगल तक का सफर तय किया. आइए जानते हैं उसकी सफलता की कहानी. 

Success Story: BCE पटना में प्रमुख बीटेक पाठ्यक्रम

BCE पटना में कुल छह प्रमुख बी.टेक पाठ्यक्रम संचालित होते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • सिविल इंजीनियरिंग
  • कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग
  • इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग
  • मैकेनिकल इंजीनियरिंग
  • कंप्यूटर साइंस (IoT विशेषज्ञता सहित)
  • फायर टेक्नोलॉजी एंड सेफ्टी

प्रत्येक कोर्स में 60 सीटें सामान्य प्रवेश के लिए आरक्षित हैं, अकेले सिविल इंजीनियरिंग में 90 सीटें और फायर टेक्नोलॉजी और सेफ्टी में 30 सीटें हैं. ट्यूशन फीस में छूट और लेटरल एंट्री सीटें भी उपलब्ध हैं. छात्रों का चयन जेईई-मेन के माध्यम से किया जाता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि केवल मेधावी छात्रों को ही प्रवेश मिले. 

Bakhtiyarpur College of Engineering: डेलॉइट से लेकर एक्सेंचर तक की कंपनियां प्लेसमेंट के लिए आ रही हैं

हाल के वर्षों में कॉलेज का प्लेसमेंट रिकॉर्ड लगातार बेहतर होता जा रहा है. कॉलेज प्लेसमेंट ब्रोशर में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, लगभग 50-70% छात्रों को प्लेसमेंट मिला है. कुछ छात्रों को तो 11 लाख तक का सालाना पैकेज भी मिला है, जबकि औसतन छात्रों को 3.5 लाख प्रति वर्ष का प्लेसमेंट मिल रहा है. कॉलेज में प्लेसमेंट के लिए आने वाली प्रमुख कंपनियों में शामिल हैं:

  • डेलॉइट (Deloitte)
  • एक्सेंचर (Accenture)
  • इन्फोसिस (Infosys)
  • आईटीसी (ITC)
  • टीसीएस (TCS)
  • कैपजेमिनी (Capgemini)
  • पैनासोनिक (Panasonic)

बख्तियारपुर से गूगल में बनाई खास पहचान

पटना के ही बख्तियारपुर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (बीसीई पटना) से निकलीं शांभवी शंकर ने कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया और आज दुनिया की टॉप टेक कंपनी गूगल में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर-II काम करती हैं. 

शांभवी ने बीसीई पटना से वर्ष 2016 से 2020 के बीच कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. कॉलेज के दिनों में ही उन्होंने तकनीक में गहरी दिलचस्पी दिखाई और अपने मजबूत अकादमिक रिकॉर्ड के साथ उन्होंने गेट परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 291 हासिल की. इस सफलता ने उन्हें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गुवाहाटी (आईआईटी गुवाहाटी) में दाखिला दिलाया, जहां से उन्होंने मास्टर डिग्री हासिल की. 

मजबूत तकनीकी आधार

शांभवी शंकर की तकनीकी विशेषज्ञता की बात करें तो वे डेटा स्ट्रक्चर, जावास्क्रिप्ट, रिएक्ट जेएस और नोड जेएस जैसी आधुनिक और इन-डिमांड तकनीकों में पारंगत हैं. इन सभी कौशलों के साथ उन्होंने सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की दुनिया में अपनी मजबूत पकड़ बना ली है. 

उनकी मजबूत तार्किक सोच, साफ-सुथरी कोडिंग प्रैक्टिस और यूजर-सेंट्रिक डिजाइन पर फोकस उन्हें इंडस्ट्री में सबसे अलग बनाता है. ये सभी कौशल उन्हें फ्रंटएंड और बैकएंड दोनों पक्षों को संभालने में सक्षम बनाते हैं. 

ऑरेकल से गूगल तक

आईआईटी गुवाहाटी से स्नातक करने के बाद, शांभवी ने ऑरेकल के साथ अपनी पेशेवर यात्रा शुरू की. यहां उन्होंने एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कई तकनीकी परियोजनाओं पर काम किया और कॉर्पोरेट जगत में अनुभव प्राप्त किया. इसके बाद, उनका चयन गूगल जैसी विश्व प्रसिद्ध कंपनी में हुआ, जहां आज वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर-II के रूप में काम कर रही हैं. गूगल में उनका काम डेटा प्रोसेसिंग, बैकएंड आर्किटेक्चर और यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने से संबंधित है.

शांभवी की सफलता न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे बिहार के लिए गर्व की बात है. उन्होंने साबित कर दिया है कि सीमित संसाधनों के बावजूद, बिहार जैसे राज्य से आने के बाद भी कोई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में अपने लिए जगह बना सकता है. उनका सफर उन छात्रों के लिए प्रेरणा है जो तकनीकी क्षेत्र में करियर बनाने का सपना देखते हैं. 

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