अरारोट क्या है?
अरारोट एक प्रकार का स्टार्च है, जो “मारांटा” नामक पौधे की जड़ों से बनाया जाता है. यह सफेद, गंधहीन पाउडर होता है जिसे खासतौर पर पाचन में हल्के, ग्लूटन-फ्री और शीतल प्रभाव वाले खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल किया जाता है.
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अरारोट के संभावित नुकसान
अत्यधिक सेवन से कब्ज की समस्या
अरारोट का अत्यधिक सेवन पेट को ठंडा और धीमा कर सकता है, जिससे पाचन क्रिया बाधित होती है और कब्ज की समस्या हो सकती है.
डायबिटिक रोगियों के लिए सावधानी
यह एक स्टार्च है, इसलिए अत्यधिक मात्रा में सेवन करने पर ब्लड शुगर लेवल प्रभावित हो सकता है.
प्रोसेस्ड अरारोट में केमिकल मिलावट
बाजार में मिलने वाला कुछ अरारोट में मिलावट हो सकता है, जिससे स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है. सस्ते अरारोट में टॉक्सिन्स या सिंथेटिक पाउडर भी मिला होता है.
एलर्जी की संभावना
कुछ लोगों को अरारोट से एलर्जी या स्किन रिएक्शन हो सकते हैं. जैसे खुजली, लाल चकत्ते, या जलन.
अरारोट का सही उपयोग कैसे करें?
कम मात्रा में सेवन करें
अरारोट का उपयोग हर दिन 1 से 2 चम्मच ही ही पर्याप्त होता है, बच्चों या बुजुर्गों को इससे अधिक न लेने दें.
खाने में मिलाकर उपयोग करें
हलवा, सूप या खिचड़ी में मिलाकर इसका सेवन बेहतर माना जाता है. सीधे सूखे पाउडर का सेवन न करें.
बुखार या दस्त में लाभदायक
दस्त या कमजोरी के दौरान अरारोट का पतला घोल या हलवा शरीर को ऊर्जा देने के लिए कारगर होता है.
ब्यूटी प्रोडक्ट्स में सीमित उपयोग
त्वचा पर लगाने के लिए अरारोट का प्रयोग करते समय पहले पैच टेस्ट करें.
इन लोगों को अरारोट से बचना चाहिए
- डायबिटीज के रोगी बिना डॉक्टरी सलाह के इसका सेवन न करें
- अत्यधिक वजन वाले लोगों को इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए
- कब्ज से पीड़ित लोगों को अरारोट नहीं लेना चाहिए.
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