जॉन एलिया के शेर
“अब नहीं कोई बात खतरे की, अब सभी को सभी से ख़तरा है…”
जब मोहब्बत भरोसे से टूटती है, तो इंसान हर रिश्ते से डरने लगता है. जॉन एलिया का ये शेर यही बताता है कि अब रिश्तों में वो भरोसा नहीं रहा, अब सबको एक-दूसरे से ही खतरा है.
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“तेरा गम है तो मेरा है न, ये किसे समझा रहा हूँ मैं…”
ब्रेकअप के बाद जब कोई अपने दुख को दूसरों के सामने बयां करता है, तो ये शेर उस बेबसी को खूबसूरती से बयां करता है. गम तो खुद का है, पर समझाने की कोशिश दूसरों से की जा रही है.
मैं भी बहुत अजीब हूं, इतना अजीब हूं कि बस, ख़ुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं…”
जिन्होंने दिल लगाकर खुद को खो दिया, उनके लिए ये शेर आइना बनकर सामने आता है. मोहब्बत में खुद को मिटाने वालों के लिए ये एक कड़वी सच्चाई है. खुद को बर्बाद कर देने के बाद भी अफसोस नहीं होता.
“दिल को खुश रखने का गालिब ख्याल अच्छा है, मगर ये जान लेना कि अब कोई उम्मीद बाकी नहीं…”
ब्रेकअप के बाद जब दिल बार-बार उसी इंसान की तरफ लौटने की कोशिश करता है, तो इस शेर में जैसे किसी ने जवाब दे दिया हो – अब कोई उम्मीद नहीं बची.
“मुझे क्या बुरा था मरना, अगर एक बार होता…”
यह शेर उन लोगों के दर्द को उजागर करता है, जो बार-बार एक ही रिश्ते में टूटते हैं, बिखरते हैं, और फिर खुद को समेटने की कोशिश करते हैं. प्यार के नाम पर बार-बार मरना ही सबसे बड़ा दर्द होता है.
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