Central Excise Day 2024: भारत में हर साल 24 फरवरी को सेंट्रल एक्साइज डे यानी की केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस मनाया जाता है. यह दिन केंद्रीय उत्पाद शुल्क और नमक अधिनियम 1944 की स्थापना के लिए समर्पित है. यह दिन पहली बार 1944 में मनाया गया था, और यह देश में केंद्रीय अप्रत्यक्ष टैक्स और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के योगदान को मनाने के लिए मनाया जाता है.
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) भारत में अप्रत्यक्ष टैक्सेस के प्रशासन के लिए जिम्मेदार है. सीबीआईसी की स्थापना वर्ष 1944 में भारत में उत्पादित और निर्मित वस्तुओं और सेवाओं पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क लगाने की निगरानी रखने के लिए की गई थी. यह दिन सीबीआईसी के उन अधिकारियों को भी समर्पित है जो यह सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास करते हैं कि भारत में उत्पादित और उपभोग की जाने वाली वस्तुएं अच्छी गुणवत्ता वाली हों और सुरक्षा स्टेंडर्डस को पूरा करती हो.
इतिहास
केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस की शुरुआत 1944 में हुई थी. उस साल भारत सरकार ने केंद्रीय उत्पाद शुल्क और नमक एक्ट को मंजूरी दी थी. यह उत्पाद शुल्क से संबंधित 11 अधिनियमों का एक संयोजन था, और इसे नमक और केंद्रीय कर्तव्यों से संबंधित कानून में बदलाव करने के लिए पास किया गया था. 24 फरवरी 1944 को, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और नमक अधिनियम पास किया गया था, और इसी कानून की स्मृति में केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस मनाया जाता है. 1966 में, इस एक्ट का नाम बदलकर केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम 1944 कर दिया गया, और अधिनियम की अनुसूची 1 और 2 कर्तव्यों के मूल्यों और दरों से संबंधित थी.
महत्व
केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस मनाने का महत्व देश में सीबीआईसी और उसके अधिकारियों के योगदान को पहचानना और उनकी सम्मान करना है. यह दिन देश के नागरिकों को समय पर अपने टैक्स का भुगतान करने और राष्ट्र के विकास में योगदान देने की याद दिलाता है. सरकार भारत में टैक्स व्यवस्था में सुधार लाने और इसे अधिक यूजर-फ्रेंडली बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.
इस खास अवसर के सम्मान में देश भर में विभिन्न प्रकार के सेमिनार, कार्यशालाएं, शैक्षिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम, जागरूकता कार्यक्रम, प्रतियोगिताएं और पुरस्कार समारोह आयोजित किए जाते हैं. इसके अतिरिक्त उच्च अधिकारी एवं विभाग जागरूकता के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाते हैं.