पत्नी की नाराजगी का न करें जिक्र
आचार्य चाणक्य के अनुसार आपको जीवन में कभी भी अपनी पत्नी की नाराजगी या फिर उसके गुस्से का जिक्र किसी और से नहीं करना चाहिए. अगर आप किसी अन्य व्यक्ति से इस तरह की बातों का जिक्र करते हैं तो सिर्फ आपकी पत्नी पर ही लोग नहीं हंसते हैं बल्कि आप भी बराबर हंसी के पात्र बनते हैं.
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जीवन में चल रहे दुख का न करें किसी से जिक्र
चाणक्य नीति के अनुसार पति को कभी भी घर और जीवन में चल रहे दुखों और परेशानियों का जिक्र किसी बाहरी इंसान से नहीं करना चाहिए. जब आप ऐसा करते हैं तो आपकी परेशानियों और दुखों का फायदा भी उठाया जा सकता है.
कमजोरियों का न करें जिक्र
आचार्य चाणक्य के अनुसार आपको जीवन में कभी भी गलती से भी अपनी या फिर अपनी पत्नी की कमजोरियों का जिक्र किसी और के सामने नहीं करना चाहिए. जब आप ऐसा करते हैं तो सामने वाला इंसान इस बात का फायदा उठा सकता है और कई बार आपको भारी नुकसान भी पहुंचा सकता है. जब आप ऐसा करते हैं तो आपके साथ ही आपकी पत्नी के भी सम्मान में गिरावट आती है.
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