लक्ष्य निर्धारित करें
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि “संकल्प ही सिद्धि का मूल है.” जब तक लक्ष्य स्पष्ट नहीं होगा, तब तक मेहनत दिशा हीन रहेगी. इसलिए हर दिन का अपना एक लक्ष्य रखें. छोटा ही सही लेकिन हर रोज उसे पूरा करने प्रयास कीजिए. बिना उसे पूरा किये नेक्सट टारगेट की तरफ आगे न बढ़ें.
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बिना योजना की मेहनत, थकान ही देती है
चाणक्य ने कहा है “कार्यस्य सिद्धिः साधनैः पूर्वमेव विचार्यते. अथार्त सफलता उन्हीं को मिलती है जो पहले से साधन और रणनीति तय करते हैं. इसलिए सबसे पहले हर कार्य की रूपरेखा बनाएं. फिर टाइम टेबल और टारगेट तय करें.
मेहनत नियमित होना चाहिए
चाणक्य का कहना था कि जो व्यक्ति नित्यं अभ्यास करता है वहीं श्रेष्ठ बनता है.” इसलिए हर दिन थोड़ा-थोड़ा करके आगे बढ़ें. एक दिन में चमत्कार की उम्मीद न करें.
बुद्धि और रणनीति का मेल जरूरी है
चाणक्य ने “शत्रोः अपि गुणं ग्राह्यं” का मंत्र दिया है. यानी कि हमें दूसरों से भी सीखने में संकोच नहीं करना चाहिए. इसलिए सफलता प्राप्त करने के लिए सफल लोगों की रणनीति, रूटीन और आदतों को अपनाएं. इसलिए मेहनत को स्मार्ट वर्क में बदलें.
धैर्य रखें, हड़बड़ी में सफलता नहीं आती
चाणक्य ने किसी भी काम को करते वक्त धर्य को जरूरी बताया है. क्योंकि बिना धीरज रखे कोई भी काम सफल नहीं होता है. अगर असफल भी हो जाए तो उसे अनुभव मानकर आगे बढ़ें.
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