Chanakya Niti: चीजों की परख करने का क्या है सही तरीका, चाणक्य नीति से समझें इस बात को
Chanakya Niti: किसी भी चीज को गुणों के आधार पर ही जांचना चाहिए. जानिए आचार्य चाणक्य के विचार इस विषय के ऊपर.
By Sweta Vaidya | March 29, 2025 10:45 AM
Chanakya Niti: अपनी बुद्धिमत्ता और कुशल रणनीति के कारण आज भी आचार्य चाणक्य को याद किया जाता है. चाणक्य नीति में जीवन को सुखी तरीके से जीने के लिए कई बातों के बारे में बताया है. चाणक्य नीति में निजी और सामाजिक जीवन में व्यक्ति के बर्ताव और कठिन परिस्थिति का सामना करने के लिए भी नियम बताए गए हैं. आचार्य चाणक्य को एक बेहतर कूटनीतिज्ञ के तौर पर आज भी याद किया जाता है. चाणक्य नीति के प्रथम अध्याय के सोलहवें श्लोक के अनुसार,
विषादप्यमृतं ग्राह्यममेध्यादपि कांचनम्।
नीचादप्युत्तमां विद्यां स्त्रीरत्नं दुष्कुलादपि।।
इस श्लोक में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जहर से भी अमृत लेना चाहिए और अगर गंदगी में सोना है तो उसे भी ले लेना चाहिए. आगे इस श्लोक में कहा गया है कि विद्या अगर गलत व्यक्ति से मिल रही है तो उससे भी लेना चाहिए. अगर कोई स्त्री अच्छे घर से नहीं है मगर गुणी है तो उसे अपना लेना चाहिए. इस श्लोक के अनुसार चीजों की परख करने के लिए गुणों पर ध्यान देना चाहिए.
चाणक्य नीति के अनुसार, किसी भी चीज को उसके गुणों के आधार पर ही देखना चाहिए. आचार्य चाणक्य ने गुण को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया है. अमृत और सोने में कई विशेषता देखने को मिलती है और अगर सोना गंदगी में गिर जाता है या फिर गंदगी में पड़ा हुआ भी है तो उसे रख लेना चाहिए.
व्यक्ति के जीवन में विद्या का खास महत्व है. विद्या की महत्ता के बारे में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि नीच व्यक्ति से विद्या लेना कोई गलत बात नहीं है. कुछ सीखने के लिए व्यक्ति से ज्यादा उसके गुणों को ऊपर रखना चाहिए.
शादी करना जीवन का एक अहम फैसला होता है. अक्सर लोग समान परिवार में ही शादी करते हैं. आचार्य चाणक्य के मुताबिक, शादी के समय होने वाली पत्नी के परिवार के बजाय उसके गुणों को ऊपर रखना चाहिए. स्त्री का परिवार अच्छा नहीं है या आपके परिवार से कमतर है मगर स्त्री गुणवान है तो उससे शादी कर लेना चाहिए.