लालच और गुस्सा
आचार्य चाणक्य के अनुसार, विद्यार्थी को लालच से दूर रहना चाहिए. लालच व्यक्ति को गलत रास्ते पर ले जाता है और छात्र जीवन में लक्ष्य से दूर कर देता है. जीवन में ईमानदारी से काम करना चाहिए. पढ़ाई करने वाले लोगों को क्रोध भी नहीं करना चाहिए. गुस्सा सोचने की शक्ति को कम कर देता है और रिश्तों को खराब कर देता है. विद्यार्थी का स्वभाव शांत होना चाहिए.
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स्वाद और अधिक साज सज्जा
चाणक्य नीति के मुताबिक छात्र को अधिक तली भुनी चीजों से बचना चाहिए नहीं तो इसका असर सेहत पर पड़ता है. सिंपल और संतुलित खाने का सेवन करना चाहिए. पढ़ने के लिए ध्यान लगाना जरूरी है. आचार्य चाणक्य ने विद्यार्थी को दिखावा और अधिक साज सज्जा करने से बचने कि सलाह दी है.
अधिक नींद और मनोरंजन
आचार्य चाणक्य ने अधिक नींद को त्याग करने को बताया है. ज्यादा सोने से बच्चा आलसी होता है और ये समय को भी बर्बाद करता है. नींद सेहत के लिए जरूरी है पर अधिक सोने की आदत से बचना चाहिए. ज्यादा मनोरंजन भी पढ़ाई में बाधा डालती है इसलिए इससे भी दूर रहना चाहिए.
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