अज्ञानी या गैर जिम्मेदार लोगों को पैसा देना
चाणक्य कहते हैं कि अगर आप अपना पैसा ऐसे व्यक्ति को दे रहे हैं जिसे न ज्ञान है और न जिम्मेदारी का अहसास, तो वह पैसा डूबना तय है. ऐसे लोग न तो उसे सही से उपयोग कर पाएंगे और न लौटाएंगे. यह निवेश नहीं, बल्कि गलत जगह दान करना कहलाता है.
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ऐसे व्यापार में निवेश न करें जहां आपकी समझ नहीं हो
चाणक्य नीति कहती है कि बिना ज्ञान के व्यापार में उतरना, खुद पैर में कुल्हाड़ी मारने के समान है. अगर आपको किसी बिजनेस या स्कीम की सही समझ नहीं है, तो सिर्फ दूसरों के कहने पर उसमें पैसा लगाना मूर्खता है. पैसा वहीं लगाना चाहिए जहां आपकी पकड़ और जानकारी हो.
शौक पूरे करने के लिए की गई खरीदारी ठीक नहीं
पैसा आते ही लोग लग्जरी चीजों, महंगे गैजेट्स या ब्रांडेड चीजों पर खर्च करने लगते हैं. चाणक्य कहते हैं कि ऐसा करना धन का अपमान है. ऐसे खर्च भविष्य में आर्थिक संकट की नींव रख सकते हैं.
ऐसे रिश्तेदारों या दोस्तों को उधार देना जो पहले से कर्जदार हों
चाणक्य स्पष्ट कहते हैं कि जो लोग पहले ही दूसरों का पैसा नहीं चुका पाए हैं, उन्हें उधार देना बुद्धिमानी नहीं है. वे न तो आपको धन वापस करेंगे न ही अपने रिश्ते को बचा पाएंगे.
दिखावे के कार्यों में निवेश करना समझदारी नहीं
शादी-ब्याह, पार्टी या सामाजिक प्रतिष्ठा के नाम पर किया गया अतिरिक्त खर्च आर्थिक पतन का कारण बन सकता है. चाणक्य की मानें तो धन का उपयोग सादगी से करना चाहिए, न कि समाज को दिखाने के लिए.
अस्थिर या लालच से भरे निवेश प्लान करना
आजकल कई स्कीमें आती हैं जो “जल्दी अमीर बनने” का लालच देती हैं. चाणक्य नीति में स्पष्ट चेतावनी है कि जिस काम में बहुत कम समय ज्यादा मुनाफा कमाने की बात हो, वहां पैसा लगने से धोखे का शिकार हो जाएंगे.
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