अगर आपमें नहीं है यह गुण तो बर्बादी तय मानिये, न सफलता मिलती है न लोग

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने कहा था कि अधीर व्यक्ति न ज्ञान प्राप्त कर सकता है, न शासन और न ही रिश्ते संभाल सकता है. जानिए चाणक्य नीति के अनुसार धैर्यहीन व्यक्ति को जीवन में किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

By Sameer Oraon | June 27, 2025 6:35 PM
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Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य जिन्हें महान कूटनीतिज्ञ, राजनीतिज्ञ माना जाता था उन्होंने बेहतर जीवन के लिए कई गहरे और व्यावहारिक सूत्र दिए हैं. उन्होंने खुशहाल जीवन के लिए मनुष्य को कई सुझाव दिये हैं. इन्हीं में से एक है धैर्य. चाणक्य का साफ कहना था कि जिनके पास यह गुण नहीं है, उनकी बर्बादी तय है. चाणक्य ने कहा था कि “अधीर पुरुष न राज्यं प्राप्नोति, न मित्रं लभते, न ज्ञानं न धर्मं च.” इसका मतलब है कि अधीर व्यक्ति न तो शासन प्राप्त कर सकता है, न मित्र, न ज्ञान और न ही धर्म. आईये जानते हैं जिनमें धर्य नहीं है उन्हें जीवन में किस प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

धैर्यहीन व्यक्ति को कौन-कौन सी समस्याएं घेर सकती हैं?

सफलता से वंचित हो सकते हैं धैर्यहीन


चाणक्य के अनुसार, जो लोग जल्दी परिणाम चाहते हैं और धैर्य नहीं रखते, वे लंबे समय तक किसी भी कार्य में टिक नहीं पाते हैं. ऐसी प्रवृत्ति वाले लोग अधूरे प्रयासों के कारण सफलता के मुहाने पर पहुंचकर भी सफल नहीं हो पाते हैं.

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रिश्तों पर भी पड़ता है असर


धैर्य की कमी का सबसे बड़ा असर रिश्तों पर पड़ता है. अधीर व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करता है. जिससे दोस्ती, पारिवारिक रिश्ते या प्रेम संबंध जल्दी टूटने लगते हैं.

धैर्यवान व्यक्ति के पास ही टिकता है धन


जिनमें धर्य नहीं हैं वो अक्सर जल्दबाजी या बिना सोचे समझे निर्णय लेते हैं. इस वजह से उन्हें अक्सर वित्तीय अस्थिरता का सामना करना पड़ता है. चाणक्य कहते हैं कि “धन हमेशा संयमी और धैर्यवान के पास टिकता है.”

मानसिक तनाव और बेचैनी से भी जूझता धर्यहीन व्यक्ति


जिस इंसान में धर्य नहीं है वह कभी संतुष्ट नहीं होता. इस कारण वे कोई भी निर्णय जल्दीबाजी में लेते हैं. इस कारण उन्हें तनाव, चिंता और मानसिक बेचैनी का सामना करना पड़ता है. जीवन में शांति और संतुलन उनके लिए कठिन हो जाता है.

नीतिगत पतन और गलत फैसले

चाणक्य नीति के अनुसार, जो व्यक्ति धैर्य नहीं रखता, वह कई बार गलत रास्ते पर चला जाता है. उसे नैतिकता और संयम की राह छोड़कर त्वरित परिणामों के लिए गलत निर्णय लेने में देर नहीं लगती.

धैर्य क्यों है जरूरी?

चाणक्य ने अपने जीवन में अनेक असफलताएं देखीं, लेकिन धैर्य के साथ उन्होंने चंद्रगुप्त मौर्य को सम्राट बनाया और मगध की सत्ता को बदल कर इतिहास रच दिया. उनका स्पष्ट संदेश था- “जो समय का इंतजार करता है, उसे समय स्वयं सफलता सौंप देता है.”

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