Chanakya Niti: भाग्यशाली होने की निशानी है जीवन में इन चीजों का मिलना
Chanakya Niti: चाणक्य नीति में जीवन के कई पहलुओं के बारे में कुछ बातों का जिक्र मिलता है. आचार्य चाणक्य के अनुसार जीवन को सही तरीके से जीने के लिए कुछ नियम का पालन करना पड़ता है. चाणक्य नीति व्यक्ति को सही दिशा दिखाने का काम करती है.
By Sweta Vaidya | April 3, 2025 7:52 AM
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य अपने समय के बहुत बड़े विद्वान पुरुष थे. आचार्य चाणक्य को उनकी तेज बुद्धि और ज्ञान के लिए आज भी याद किया जाता है. मौर्य साम्राज्य को बनाने में आचार्य चाणक्य का अहम योगदान रहा. आचार्य चाणक्य के विचार आज भी इस मॉडर्न समय में भी प्रासंगिक हैं. आचार्य चाणक्य ने कई विषयों के बारे में अपनी राय दी है. आचार्य चाणक्य को एक कुशल रणनीतिकार और महान अर्थशास्त्री के तौर पर आज भी याद किया जाता है. चाणक्य नीति इन्हीं सब विषयों के ऊपर हमें बताती है. इसमें व्यक्ति के निजी जिंदगी से लेकर सामाजिक जीवन और राजनीति के भी मुद्दों का जिक्र मिलता है. चाणक्य नीति के दूसरे अध्याय के दूसरे श्लोक के अनुसार,
भोज्यं भोजनशक्तिश्च रतिशक्तिर वरांगना।
विभवो दानशक्तिश्च नाऽल्पस्य तपसः फलम्॥
इस श्लोक के अनुसार जिस व्यक्ति के पास खाना है और उसे पचाने की शक्ति है और जिसकी स्त्री सुंदर है ये तपस्या का ही फल है. आगे इस श्लोक में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस भी इंसान के पास वैभव और ऐश्वर्य है और साथ ही दान-पुण्य करने का सामर्थ्य है ये सब किसी छोटी तपस्या का फल नहीं होता. ऐसा पिछले जन्म के कर्म के कारण होता है और इन सारी चीजों का होना इंसान को भाग्यशाली बनाता है.
चाणक्य नीति के अनुसार, कोई भी व्यक्ति अपने मेहनत से ही सफल बन पाता है. भाग्यशाली होना किसी बड़ी तपस्या का फल होता है. अगर कोई व्यक्ति के पास भोजन की कमी नहीं है और उसे पचाने में कोई परेशानी नहीं आती है तो ऐसा व्यक्ति जीवन में सुखी रहता है. अक्सर लोगों के पास सब कुछ रहते हुए भी सेहत के कारण इन चीजों का आनंद नहीं ले पाते हैं.
जीवन में अगर आपको अच्छा जीवनसाथी का साथ अगर मिल जाता है तो आगे का जीवन सुखमय रहता है. आचार्य चाणक्य के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति का दांपत्य जीवन सुखी है और स्त्री गुणवान है तो ऐसा व्यक्ति अत्यंत भाग्यशाली होता है.
चाणक्य नीति में कहा गया है कि भाग्यशाली इंसान के पास धन-संपदा की कोई कमी नहीं होती है. अक्सर देखा जाता है कि कई लोगों के पास धन होते हुए भी दान देने की इच्छाशक्ति नहीं होती है. धन होना और साथ ही दान देने की इच्छा होना अच्छे भाग्य होने की निशानी है.