सच्चे रिश्ते बुरे समय में पहचान में आते हैं
हर इंसान के जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं, लेकिन जो व्यक्ति मुश्किल घड़ी में आपका साथ देता है, वही सच्चा रिश्ता निभाता है. ऐसे लोग बिना किसी स्वार्थ के आपकी मदद करते हैं चाणक्य नीति बताती है कि जो संकट में साथ छोड़ दे, वो कभी भी आपका सच्चा साथी नहीं था. इसलिए सच्चे रिश्तों की पहचान सिर्फ बुरे वक्त में ही होती है.
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धन, बल और रिश्तों की सच्चाई बुरे समय में ही दिखती है
अच्छे समय में बहुत लोग आपके आसपास होते हैं, लेकिन असली पहचान तब होती है जब आप किसी परेशानी में जो लोग तब भी आपके साथ खड़े रहें, वे ही आपके अपने हैं. चाणक्य कहते हैं कि भरोसा उसी पर करें जो मुश्किल समय में आपकी मदद करे. वरना, दिखावे वाले लोग सिर्फ नाम के रिश्ते होते हैं.
जरूरत के समय मदद करने वाला ही असली मित्र होता है
चाणक्य नीति का स्पष्ट संदेश है – “संकट में जो साथ दे वही मित्र है.” ऐसे मित्र दुर्लभ होते हैं, जो बिना कहे भी मदद के लिए आगे आ जाते हैं. जरूरत के समय ऐसे दोस्तों की पहचान करना बहुत जरूरी है. वे ही जीवन भर के लिए विश्वास के लायक होते हैं.
दिखावे से दूर रहें
कुछ लोग अच्छे समय में तो खूब साथ निभाते हैं, लेकिन जैसे ही हालात बदलते हैं, वो गायब हो जाते हैं. ये लोग सिर्फ दिखावे के लिए रिश्ते निभाते हैं. चाणक्य नीति कहती है कि ऐसे लोगों से दूरी बनाना ही समझदारी है. बुरे वक्त में ही इनकी असलियत सामने आती है.
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