Chhath Puja 2024: छठ पूजा के पहले दिन कद्दू भात खाने की क्या है परंपरा, जानें इसकी Recipe
Chhath Puja 2024 Nahay Khay Prasad Kaddu: छठ पूजा के पहले दिन नहाय खाय में चना दाल, कद्दू (लौकी) की सब्जी और चावल का प्रसाद ग्रहण किया जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं छठ पूजा में नहाय – खाय प्रसाद के लिए कैसे बनाएं कद्दू की सब्जी.
By Bimla Kumari | November 3, 2024 12:58 PM
Chhath Puja 2024 Nahay Khay Prasad Kaddu Recipe: छठ महापर्व की महिमा अपार है. इस बार 5 नवंबर से छठ पूजा की शुरुआत हो रही है . इस पर्व की शुरुआत नहाए-खाए से होती है यानी कि छठ पूजा के पहले दिन नहाए-खाए और आखिरी दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, जिसके बाद पारण होता है. इस साल छठ व्रत की शुरुआत 5 नवंबर 2024 से हो रही है, जो 8 नवंबर 2024 को खत्म होगा. छठ पूजा के पहले दिन नहाय खाय में चना दाल, कद्दू (लौकी) की सब्जी और चावल का प्रसाद ग्रहण किया जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं छठ पूजा में नहाय – खाय प्रसाद के लिए कैसे बनाएं कद्दू की सब्जी
छठ पूजा के पहले दिन यानी नहाए खाए के दिन कद्दू की सब्जी बनाई जाती है. इस सब्जी बनाने के लिए सबसे पहले ताजा कद्दू लें .
कद्दू का ऊपरी मोटा छिलका छील लें . कद्दू को अच्छे से धोकर साफ चाकू से उसके चौकोर टुकड़े कर लें.
कड़ाही में तेल डालकर उसे मीडियम आंच पर गर्म करके उसमें मेथी दाना,तेज पत्ता , हींग, अदरक का पेस्ट, हरी मिर्च, हल्दी, धनिया पाउडर डालकर सारे मसालों को अच्छी तरह भून लें.
मसाला अच्छी तरह भुन जाने के बाद उसमें कद्दू के टुकड़े डालकर मसाले के साथ कद्दू को अच्छी तरह भूनें . 2-3 मिनट तक लगातार चलाते हुए सेंधा नमक- स्वादानुसार डालकर पकाएं.
आप कड़ाही की जगह प्रेशर कूकर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं . प्रेशर कूकर में कद्दू को दो से तीन सीटी लगाएं . जब कद्दू की सब्जी बन जाए तो उसे हरी धनिया पत्ती से सजायें .
छठ पूजा के नहाए खाए में सभी सब्जी सात्विक तरीके से यानी बिना लहसुन और प्याज के बनती है . आप चने की दाल बनाने से पहले एक बार दाल को कुकर में हल्दी और सेंधा नामक डालकर 2 – 3 सीटी दे के पका लें. इससे दाल गल जाएगी और फिर बाद में एक कड़ाही में घी , हरी या सूखी लाल मिर्च का तड़का डाले . आप चाहें तो घी में जीरा के साथ सूखी लाल मिर्च और लौंग का इस्तेमाल भी कर सकती हैं.
कद्दू भात खाने की परंपरा
नहाए खाए के दिन व्रत रखने वाली महिलाएं सुबह स्नान करके नए वस्त्र पहनती हैं और कद्दू (लौकी) और भात का प्रसाद बनाती हैं. इस प्रसाद को खाने के बाद ही छठ व्रत शुरू होता है दरअसल पेट, मन, वचन और आत्मा की शुद्धि के लिए छठ व्रतियों और पूरे परिवार के कद्दू भात खाने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है. धार्मिक मान्यताओं के अलावा इसे खाने के कई सारे फायदे हैं. कद्दू में एंटी-ऑक्सीडेंट्स पर्याप्त मात्रा में मौजूद होता है, जिससे इम्यून सिस्टम स्ट्रांग होता है और व्रती बीमारियों से बचे रहते हैं. इसके अलावा, कद्दू में डाइटरी फाइबर भरपूर मात्रा पाया जाता है. इसके सेवन से पेट से जुड़ी समस्याएं दूर होती है. इसलिए छठ महापर्व के पहले दिन कद्दू भात खाया जाता है.