Holi 2023: ठाकुर रमण बिहारी संग भक्तों ने खेली फूलों और अबीर-गुलाल की होली

महावन स्थित रमणरेती आश्रम में कार्ष्णि गोपाल जयंती महोत्सव के समापन पर आयोजन हुआ. भक्त होली के रंग में सराबोर हुए. जमकर फूल, लड्डू और अबीर-गुलाल उड़ाया गया.

By संवाद न्यूज | February 25, 2023 4:00 PM
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Holi at Karshni Udasin Ramanreti Ashram: अब ब्रज में होली का उल्लास बढ़ने लगा है. मंदिरों में होली के आयोजनों की धूम मची है. इसी क्रम में रमणरेती आश्रम में ठाकुर रमण बिहारी के संग भक्त होली के रंग में सराबोर हुए. जमकर फूल, लड्डू और अबीर-गुलाल उड़ाया गया. देश-विदेश से आए भक्त होली के इस आयोजन में आनंदित हो उठे. होली के रसिया का गायन हुआ, जिसमें होली के हुरियारे नाच उठे. भगवान श्रीकृष्ण की क्रीड़ा स्थली महावन स्थित कार्ष्णि उदासीन रमणरेती आश्रम में पिछले कई दिनों से गोपाल जयंती महोत्सव का आयोजन किया जा रहा था. इसके समापन अवसर पर भव्य होली का आयोजन हुआ.

कार्ष्णि गुरु शरणानंद महाराज ने ठाकुर रमण बिहारी की युगल जोड़ी की आरती की. उसके बाद फूलों की होली खेली. रंग-बिरंगे फूलों के साथ होली के उत्सव में लड्डू, फल लुटाए गए और फिर अबीर-गुलाल जमकर उड़ाया गया. अबीर-गुलाल के उड़ने से संपूर्ण वातावरण होलीमय हो गया. आसमान में सतरंगी छटा छा गई. होली के रंग में जनसमुदाय सराबोर हो गया.

इस दौरान भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी की अद्भुत अलौकिक छवि को लोग निहारते रह गए. प्रतीत हो रहा था कि भगवान भी भक्तों के साथ होली खेल रहे हैं. होली के इस उत्सव में सभी श्रद्धालु लड्डू और फलों के लिए लालायित दिखे. पूरा पंडाल सतरंगी रंग में रंग गया. ठाकुरजी के जयकारों से आकाश गुंजायमान हो गया. वृंदावन से आए गोपाल ठाकुरजी के रासलीला कलाकारों ने मयूर नृत्य सहित हास्यास्पद कार्यक्रमों के माध्यम से सभी को आकर्षित किया. इस दौरान कान्हा धरि ले मुकुट खेले होली आदि होली के पद भी गाए गए.

रमणरेती आश्रम में होली का दिव्य और भव्य नजारा देख श्रद्धालु आनंदित हो उठे. जिलाधिकारी पुलकित खरे एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेष कुमार पांडेय ने ठाकुरजी से फूलों की होली खेली. रमणरेती आश्रम में खेले जाने वाली होली में रसायनिक रंगों का प्रयोग न करते हुए प्राकृतिक रंगों से दिव्य और भव्य तरीके से होली खेली जाती है. दो साल से यह आयोजन कोरोना के कारण नहीं हो रहा था. इस बार 11 क्विंटल गेंदा, गुलाब, चमेली, गुलमौहर, चंपा आदि विभिन्न प्रकार के रंग-बिरंगे फूलों से होली खेली गई. 5 क्विंटल टेसू के फूल मनाए गए, जिनसे 7 हजार लीटर रंग बनाया गया.

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