Diwali Diya Tips: देवी लक्ष्मी के पास घी या तेल कौन सा दीपक जलाएं?
Diwali Diya Tips: कुछ देवताओं, विशेष रूप से हनुमान और शनि देव को तेल के दीपक से सम्मानित किया जाता है, खासकर मंगलवार और शनिवार को. सरसों या तिल का तेल इन देवताओं के लिए विशेष रूप से लाभकारी होता है.
By Bimla Kumari | October 21, 2024 2:39 PM
Diwali Diya Tips: हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार दिवाली इस महीने 31 अक्टूबर 2024 को है, त्योहार की रस्में धनतेरस से ही शुरू हो जाएंगी. हिंदू इस त्योहार की तैयारी महीनों पहले से ही शुरू कर देते हैं. दिवाली की पूजा में कई तरह की रस्में शामिल होती हैं, किसी भी रस्म का एक जरूरी हिस्सा आरती है, जिसमें दीपक जलाना शामिल है, लेकिन अक्सर लोगों के मन में सवाल उठता है कि किसका दीपक शुभ है, घी या तेल का, तो परेशान न हों, आज हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे-
घी का दीपक
शुभता: हिंदू रीति-रिवाजों में घी का दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है. इससे देवता जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्त की मनोकामना पूरी होती है.
समय: घी के दीपक सुबह और शाम दोनों समय जलाए जा सकते हैं, जिससे ये पूजा के लिए बहुउपयोगी बन जाते हैं.
शुद्धता: शुद्ध घी का उपयोग करना महत्वपूर्ण है – मिलावट या वनस्पति तेलों से मुक्त. यह शुद्धता दीपक की आध्यात्मिक प्रभावकारिता को बढ़ाती है.
दैवीय आशीर्वाद: घी का दीपक देवी लक्ष्मी को घर में आमंत्रित करता है, जिससे समृद्धि और प्रचुरता सुनिश्चित होती है. यह शिव, गणेश और विष्णु जैसे देवताओं को भी लाभ पहुंचाता है, जिससे सुख मिलता है और दुख कम होते हैं.
स्थान और बाती: नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने और सकारात्मक वातावरण को बढ़ाने के लिए हमेशा देवता के दाईं ओर घी का दीपक जलाएं. सकारात्मकता को आकर्षित करने के लिए सफ़ेद खड़ी बाती का उपयोग करें.
परंपरा और सुलभता: तेल का दीपक हिंदू पूजा में एक पारंपरिक विकल्प है और इसे घी के दीपक जितना ही शुद्ध माना जाता है. यह बजट की कमी वाले लोगों के लिए अधिक सुलभ विकल्प के रूप में कार्य करता है.
समय: घी के दीपक की तरह, तेल के दीपक भी सुबह और शाम को जलाने चाहिए.
तेल के प्रकार: आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले तेलों में मूंगफली, सोयाबीन, सरसों और तिल का तेल शामिल हैं. प्रत्येक प्रकार का अपना महत्व होता है जो कि पूजे जाने वाले देवता पर निर्भर करता है.
विशिष्ट देवता: कुछ देवताओं, विशेष रूप से हनुमान और शनि देव को तेल के दीपक से सम्मानित किया जाता है, खासकर मंगलवार और शनिवार को. सरसों या तिल का तेल इन देवताओं के लिए विशेष रूप से लाभकारी होता है.
आध्यात्मिक लाभ: तेल का दीपक जलाने से दुख दूर होता है और नकारात्मक प्रभावों से बचाव होता है. इसे देवता के बाईं ओर रखना चाहिए, जो नकारात्मकता को दूर भगाएगा.
बाती का प्रकार: तेल के दीयों के सुरक्षात्मक और शुद्धिकरण गुणों को बढ़ाने के लिए लंबी लाल बाती का उपयोग करें.