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कर्म के अलावा मन में अन्य विचार आने पर
श्रीमद्भगवद्गीता के मुताबिक, जिस इंसान के मन में काम के अलावा अन्य विचार आते हैं. वह अपने जीवन में कभी सफल नहीं हो पाता है, क्योंकि ऐसे लोगों का मन एक जगह टिक नहीं पाता है. उसका मन हमेशा भटकता रहता है.
कर्मों पर संदेह करना
भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में बताया है कि जो इंसान अपने कर्मों पर संदेह करता है वह जीवन में कुछ नहीं कर पाता है. खुद पर संदेह करने से व्यक्ति अपना ही नुकसान करता है. ऐसे में सफलता की ख्वाहिश रखने वाले इंसान को अपने कर्मों पर कभी संदेह नहीं करना चाहिए.
मन पर काबू न रख पाना
गीता उपदेश में बताया गया है कि मनुष्य को अपने मन पर काबू रखना चाहिए. जो इंसान मन पर काबू नहीं रख पाता है व अपने काम में असफल रह जाता है. मन पर नियंत्रण न रखने से व्यक्ति का बना बनाया काम बिगड़ जाता है.
भय से व्याप्त इंसान
गीता के उपदेश में कहा गया है कि जिस इंसान के अंदर किसी बात का डर रहता है, वह जीवन में कभी सफल नहीं हो पाता है. ऐसे में काम में सफलता प्राप्त करने के लिए मनुष्य को अपने भीतर छिपे डर को निकालना जरूरी होता है.
दूसरों से ज्यादा लगाव या मोह रखना
श्रीकृष्ण ने भगवद्गीता में बताया है कि जो दूसरों के प्रति लगाव और मोह रखता है वह इंसान कभी सफल नहीं होता है. मोह में फंसने वाला इंसान कभी आगे नहीं बढ़ पाता है.
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