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मन को रखें शांत
श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार जीवन में चाहे जैसी भी परिस्थिति आ जाए, व्यक्ति को गुस्सा करने से बचना चाहिए. गुस्से में व्यक्ति अच्छे से अच्छे काम को भी खराब कर सकता है. कहा जाता है कि क्रोध व्यक्ति के लिए नर्क के दरवाजे खोलने का काम करता है.
नतीजे कि चिंता के बगैर करें काम
कई बार ऐसा होता है कि अच्छे कर्म करने के बाद भी व्यक्ति को मनचाहा फल नहीं मिल पाता है. ऐसे में व्यक्ति को निराश नहीं होना चाहिए, क्योंकि श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि इंसान को नतीजे की चिंता किए बगैर काम करते रहना चाहिए.
योजनाबद्ध तरीके से करें काम
श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार व्यक्ति को कोई काम योजनाबद्ध तरीके से करना चाहिए. इससे काम में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होती है. ऐसे में अगर योजना बनाकर काम नहीं करते हैं तो व्यक्ति को काम में असफलता मिलने की संभावना अधिक रहती है.
भगवान का विश्वास करें
जब कठिन परिश्रम करने के बाद भी काम न हो तो व्यक्ति का मन टूट जाता है. व्यक्ति फिर से काम करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है. ऐसे में व्यक्ति को भगवान का स्मरण करना चाहिए. भगवान पर विश्वास करना चाहिए, क्योंकि ऐसे लोगों के साथ भगवान हमेशा साथ रहते हैं.
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