Hanging Process: जब किसी अपराधी को फांसी की सजा दी जाती है, तो उससे उसकी आखिरी इच्छा पूछी जाती है. यह एक मानवीय प्रक्रिया का हिस्सा है, जो अपराधी को उसकी आखिरी इच्छा व्यक्त करने का मौका देती है. आमतौर पर उसकी इच्छा से जुड़ी छोटी-मोटी चीजें, जैसे पसंदीदा भोजन या किसी खास व्यक्ति से मिलना, पूरा करने की कोशिश की जाती है. लेकिन अगर उसकी इच्छा कानून या नैतिकता के खिलाफ हो, तो उसे पूरा नहीं किया जाता.
फांसी सुबह ही क्यों दी जाती है?
नियमित दिनचर्या में व्यवधान से बचाव फांसी तड़के सुबह देने का एक प्रमुख कारण यह है कि इससे जेल की नियमित गतिविधियों में रुकावट नहीं होती. दिन की शुरुआत में फांसी दी जाती है ताकि बाकी कैदी और जेल कर्मचारी दिनभर की सामान्य दिनचर्या जारी रख सकें.
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सुरक्षा कारण
सुबह का समय अपेक्षाकृत शांत होता है, जिससे जेल प्रशासन को सुरक्षा इंतजामों को सही तरीके से लागू करने का मौका मिलता है। इस दौरान जेल के बाहर और अंदर किसी भी प्रकार की अनावश्यक हलचल नहीं होती, जिससे अप्रिय घटनाओं का खतरा भी कम हो जाता है.
मनोवैज्ञानिक प्रभाव
अपराधी के लिए यह दिन की शुरुआत का समय होता है, जिससे उसे सजा के बारे में ज्यादा देर तक सोचने का समय नहीं मिलता. इस समय फांसी देने से उसकी मानसिक स्थिति पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ता, और वह इस प्रक्रिया को मानसिक रूप से ज्यादा सहज तरीके से स्वीकार कर पाता है.
सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताएं
कुछ लोग मानते हैं कि सुबह का समय मृत्यु के लिए अधिक उपयुक्त होता है क्योंकि कई संस्कृतियों में इसे जीवन के अंत और नए आरंभ का प्रतीक माना जाता है. हालांकि, इसका सीधा संबंध न्यायिक प्रक्रिया से नहीं है, यह एक सांस्कृतिक पहलू हो सकता है.
प्रक्रिया के दौरान सावधानियां
फांसी से पहले अपराधी की शारीरिक और मानसिक स्थिति का आकलन किया जाता है. एक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में यह सुनिश्चित किया जाता है कि सब कुछ कानून के दायरे में हो रहा है. यदि अपराधी का परिवार उसकी मृत्यु के बाद उसका शव लेने से मना कर देता है, तो जेल प्रशासन द्वारा उसे सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार किया जाता है.
फांसी की सजा से पहले अपराधी की आखिरी इच्छा
दरअसल, भारत के जेल मैनुअल और संबंधित नियमों के अनुसार, फांसी की सजा से पहले अपराधी से उसकी आखिरी इच्छा पूछने की परंपरा है. यह प्रक्रिया देश के कई हिस्सों में प्रचलित है, खासकर केंद्रीय जेलों में. यह पूछने का उद्देश्य मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशीलता और मानवीयता के तहत किया जाता है, ताकि अपराधी की अंतिम इच्छा को, यदि संभव हो तो, पूरा किया जा सके.
पसंदीदा भोजन
अपराधी अक्सर अपने अंतिम भोजन के रूप में कुछ विशेष व्यंजन की मांग कर सकता है.
धार्मिक अनुष्ठान
कई बार अपराधी किसी धार्मिक अनुष्ठान, पूजा, प्रार्थना या किसी धार्मिक गुरु से मिलने की इच्छा जाहिर कर सकता है.
किसी प्रियजन से मुलाकात
कुछ मामलों में अपराधी अपने परिवार के सदस्य या किसी प्रियजन से आखिरी बार मिलना चाहते हैं.
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