Hindi Diwas 2022: हिंदी दिवस आज , यहां देखें प्रसिद्ध व्यक्तियों के हिंदी भाषा पर कोट्स

Hindi Diwas 2022: साल 1949 में 14 सिंतबर के दिन ही संविधान सभा द्वारा हिन्दी को राज भाषा का दर्जा दिया था. इसके बाद हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाना शुरू किया गया. उसके बाद से ही इसे हर वर्ष मनाया जाता है. आपको बता दें कि पहले ये दुनिया की चौथी सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा है.

By Shaurya Punj | September 14, 2022 7:20 AM
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Hindi Diwas 2022: आज हिंदी दिवस मनाया जा रहा है. इस दिन को मनाने की शुरूआत 1954 से हुई थी. साल 1949 में 14 सिंतबर के दिन ही संविधान सभा द्वारा हिन्दी को राज भाषा का दर्जा दिया था.

1900 में हुई थी आज की हिंदी की शुरुआत

भाषाविदों की मानें तो हिन्दी के वर्तमान स्वरूप, जिसमें आज हम पढ़ व लिख रहे हैं कि शुरूआत 1900 ईसवी में हुई थी. खड़ी बोली यानी हिंदी में लिखी गई पहली कहानी इंदुमती थी. इसे किशोरीलाल गोस्वामी ने लिखा था. इसकी हिंदी भाषा काफी हद तक वैसी ही है जैसी आज लिखी और बोली जाती है.

हिंदी भारतीय संस्कृति की आत्मा है.

– कमलापति त्रिपाठी

हिन्दी हमारे राष्ट्र की अभिव्यक्ति का सरलतम स्रोत है.

– सुमित्रानंदन पंत

कोई राष्ट्र अपनी भाषा को छोड़कर राष्ट्र नहीं कहला सकता. भाषा की रक्षा सीमाओं की रक्षा से भी जरूरी है.

– थास्मिस डेविस

निज भाषा उन्नति अहै,

सब भाषा को मूल,

बिनु निज भाषा ज्ञान के,

मिटै न हिय को शूल.

— भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

‘हिंदी का प्रश्न स्वराज्य का प्रश्न है’.

– महात्मा गांधी

जो सम्मान, संस्कृति और अपनापन हिंदी बोलने से आता हैं, वह अंग्रेजी में दूर-दूर तक दिखाई नहीं देता हैं.

– अज्ञात

हिंदी का प्रचार और विकास कोई रोक नहीं सकता.

– पंडित गोविंद बल्लभ पंत

हिन्दी पढ़ना और पढ़ाना हमारा कर्तव्य है. उसे हम सबको अपनाना है.

– लालबहादुर शास्त्री

परदेशी वस्तु और परदेशी भाषा का भरोसा मत रखो अपने में अपनी भाषा में उन्नति करो.

– भारतेंदु हरिश्चन्द्र

हिन्दी देश की एकता की कड़ी है.

– डॉ. जाकिर हुसैन

हिन्दी के द्वारा सारे भारत को एक सूत्र में पिरोया जा सकता है.

– महर्षि स्वामी दयानन्द

हिन्दी सरलता, बोधगम्यता और शैली की दृष्टि से विश्व की भाषाओं में महानतम स्थान रखती है.

– डॉ. अमरनाथ झा

देश के सबसे बड़े भूभाग में बोली जानेवाली हिन्दी राष्ट्रभाषा– पद की अधिकारिणी है.

– सुभाषचन्द्र बोस

हिन्दी की एक निश्चित धारा है, निश्चित संस्कार है.

– जैनेन्द्रकुमार

हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा तो है ही, यही जनतंत्रात्मक भारत में राजभाषा भी होगी.

– राजगोपालाचारी

हमारी नागरी लिपी दुनिया की सबसे वैज्ञानिक लिपी है.

– राहुल सांकृत्यायन

देश की किसी संपर्क भाषा की आवश्यकता होती है और वह (भारत में) केवल हिन्दी ही हो सकती है.

– श्रीमती इंदिरा गांधी

जिस देश को अपनी भाषा और साहित्य का गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता.

– डॉ. राजेंद्र प्रसाद

हिन्दी एक जानदार भाषा है; वह जितनी बढ़ेगी देश को उतना ही लाभ होगा.

– जवाहरलाल नेहरू

सभी भारतीय भाषाओं के लिए यदि कोई एक लिपी आवश्यक है तो वो देवनागरी ही हो सकती है.

– जस्टिस कृष्णस्वामी अय्यर

हिंदी हमारे राष्ट्र की अभिव्यक्ति का सरलतम स्त्रोता है.

– सुमित्रानंदन पंत

‘यद्यपि मैं उन लोगों में से हूं, जो चाहते हैं और जिनका विचार है कि हिंदी ही भारत की राष्ट्रभाषा हो सकती है’.

– लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक

हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाना भाषा का प्रश्न नहीं अपितु देशाभिमान का प्रश्न है. – एन. निजलिंगप्पा

हिन्दी उन सभी गुणों से अलंकृत है, जिनके बल पर वह विश्व की साहित्यिक भाषा की अगली श्रेणी में समासीन हो सकती है. – मैथिलीशरण गुप्त

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