How To Grow Parwal: गार्डन में लगाएं हरी-ताजी परवल, जानिए इसका सही तरीका और देखभाल
How To Grow Parwal: आज हम आपको इस लेख में माध्यम से परवल लगाने के बारे में बताने जा रहे हैं, तो आइए जानें इसकी पूरी जानकारी, देखभाल और इसे लगाने के बारे में अच्छे से.
By Priya Gupta | July 19, 2025 12:06 PM
How To Grow Parwal: परवल जिसे पटल या पॉइंटेड गॉर्ड भी कहा जाता है, ये एक हर सब्जी है जिसे भारत के हर लोग बहुत चाव से खाते हैं. ये सब्जी स्वाद में हल्की, पचने में आसान और सेहत के लिए फायदेमंद होती है. इसमें फाइबर, विटामिन A, B, आयरन, कैल्शियम और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. परवल से आलू-परवल की सब्जी, भरवां , परवल की मिठाई और अचार जैसे कई डिश बनाई जाती हैं. ऐसे में चलिए इसे परवल को आज हम आपके घर के गार्डन या खेत में लगाने के बारे में बताएंगे. आइए जानते हैं इसकी देखभाल कैसे करें, इसे कैसे लगाएं और इसे लगाने का सही मौसम क्या है?
परवल लगाने का सही मौसम क्या है?
परवल लगाने के लिए दो समय सबसे अच्छे होते हैं.
फरवरी से अप्रैल (गर्मी की शुरुआत में)
यह मौसम परवल लगाने का सबसे अच्छा समय होता है. इस मौसम में पौधा जल्दी बढ़ता है और अच्छा फल देता है.
जुलाई से अगस्त (बरसात की शुरुआत में)
बरसात की शुरुआत में भी परवल अच्छे से लगाया जा सकता है. लेकिन ध्यान रखें कि इसे लगाने के बाद पानी खेत या गमले में जमा न हो, नहीं तो जड़ सड़ सकती है.
सबसे पहले इसके लिए पके हुए परवल से बीज निकालें और छांव में सुखा लें. बीजों को 12 घंटे पानी में भिगोकर नरम मिट्टी में एक उंगली की गहराई पर बोएं. हर बीज के बीच थोड़ी दूरी रखें. इसके बाद अब इसमें हल्का पानी दें, 10-15 दिन में पौधे निकल आएगा.
कटिंग से परवल लगाने का तरीका
परवल की बेल की लगभग एक हाथ लंबी जड़ की कटिंग लें. उसे नरम मिट्टी में गहराई में लगाएं. हर पौधे के बीच थोड़ी दूरी रखें. इसके बाद इसको पानी दें और सहारा लगाएं, जिससे लताएं को बढ़ने में मदद मिलें.
परवल के पौधे की देखभाल कैसे करें?
परवल के पौधे की अच्छी बढ़ाव और ज्यादा फल पाने के लिए सही देखभाल बहुत जरूरी है. परवल को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती, लेकिन गर्मियों में हर 2–3 दिन में हल्का पानी दें.
परवल की लताएं चढ़ने वाली होती है, इसलिए बांस, रस्सी या जाल लगाकर इसके पौधे को सहारा दें.
परवल के पत्तों में खाने वाले कीड़े और फफूंदी जैसी बीमारियां लग सकती हैं, इसलिए इससे बचाने के लिए नीम का तेल छिड़काव करें.