Inner Thigh Rashes Home Remedies: मानसून का मौसम जहां ठंडी हवाएं और बारिश की बूंदों से राहत देता है, वहीं यह मौसम नमी और पसीने के कारण कई स्किन प्रॉब्लम्स की वजह भी बनता है. इन्हीं समस्याओं में से एक है इनर थाई रैशेज (Inner Thigh Rashes). इस दौरान जांघों के बीच की स्किन पर रैशेज, लालपन (Redness), खुजली (Itching), जलन और पानी जैसी समस्या देखने को मिलती है. यदि समय पर ध्यान न दिया जाए तो यह समस्या और भी गंभीर रूप ले सकती है. आइए जानें इसके कारण, लक्षण और इससे बचने के उपाय.
What Causes Inner Thigh Rashes: इनर थाई रैशेज के कारण
मानसून में इनर थाई रैशेज होना आम बात है और इसके पीछे कई कारण होते हैं:
- अत्यधिक नमी और पसीना: इस मौसम में शरीर पर नमी बनी रहती है, जिससे स्किन की फोल्ड्स में पसीना जमा हो जाता है.
- टाइट कपड़े पहनना: टाइट कपड़े रगड़ पैदा करते हैं और स्किन पर जलन या रैशेज हो जाते हैं.
- हाइजीन की कमी: शरीर को समय पर साफ न रखना भी रैशेज की वजह बनता है.
- फंगल इंफेक्शन: मानसून में फंगस तेजी से पनपता है, जो रैशेज और खुजली का कारण बनता है.
Signs of Inner Thigh Rashes : इनर थाई रैशेज के लक्षण
इनर थाई रैशेज के कुछ आम लक्षण इस प्रकार हैं
- स्किन पर लाल निशान या धब्बे
- तेज खुजली और जलन
- स्किन का छिल जाना या पानी का रिसाव होना
- चलने-फिरने पर दर्द महसूस होना
Tips to Avoid Inner Thigh Rashes: इनर थाई रैशेज से बचने के उपाय
मानसून में इनर थाई रैशेज से बचने के लिए कुछ आसान उपाय अपनाकर आप इस परेशानी से राहत पा सकते हैं.
1. हल्के और ढीले कपड़े पहनें
टाइट कपड़े रैशेज की समस्या को और बढ़ा सकते हैं. इसलिए इस मौसम में सूती और हल्के कपड़े पहनें ताकि स्किन को हवा मिलती रहे.
2. पाउडर या एंटी-फंगल पाउडर का उपयोग करें
इनर थाई एरिया को ड्राई रखने के लिए टैल्कम पाउडर या डॉक्टर की सलाह से एंटी-फंगल पाउडर लगाएं. यह नमी को सोखने में मदद करता है.
3. नहाने के बाद स्किन को अच्छी तरह से सुखाएं
नहाने या पसीने के बाद इनर थाई एरिया को अच्छे से पोंछें और सूखा रखें.
4. रोजाना साफ-सफाई का रखें ध्यान
दिन में दो बार नहाएं और स्किन की सफाई का खास ध्यान रखें.
5. नीम का पानी या एलोवेरा जेल लगाएं
नीम की एंटी-बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज और एलोवेरा का ठंडक देने वाला असर रैशेज से राहत दिलाता है. आप नीम के पत्तों को पानी में उबालकर ठंडा कर इनर थाई पर लगा सकते हैं.
6. ज्यादा समय तक गीले कपड़े न पहनें
बारिश में भीग जाने पर तुरंत कपड़े बदलें ताकि स्किन पर नमी न रहे.
कब डॉक्टर से सलाह लें?
अगर इन उपायों के बावजूद आपकी समस्या 2-3 दिन में ठीक न हो, रैशेज बढ़ते जाएं, पस या खून निकलने लगे या तेज दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
मानसून में इनर थाई रैशेज एक आम समस्या है, लेकिन थोड़ी सी सावधानी और हाइजीन का ध्यान रखकर इससे आसानी से बचा जा सकता है. प्राकृतिक उपायों और डॉक्टर की सलाह से इस परेशानी से राहत पाएं और मानसून का मौसम बिना किसी स्किन प्रॉब्लम के एन्जॉय करें.
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Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.
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