आदिवासी समाज का पारंपरिक व्यंजन
छिलका रोटी आदिवासी समाज का पारंपरिक व्यंजन है, जिसे आमतौर पर चावल और दाल के मिश्रण से तैयार किया जाता है. छिलका रोटी चावल से बनी होती है जो कुरकुरी और नर्म होती है, यह कुछ हद तक ढोसा की तरह ही लगता है, लेकिन स्वाद अलग होता है. आम तौर पर लोग इसे नाश्ते के रूप में पसंद करते हैं. क्योंकि यह हल्का होता है.
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क्या है फायदा
छिलका रोटी में फाइबर की मात्रा अधिक होती है जो पाचन तंत्र को बेहतर करने में मदद करती है. इसके साथ साथ यह वजन को नियंत्रित करने भी सहायक है. यह एक ऐसा भोजन है जिसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती जो शरीर की उर्जा बनाये रखता है.
जरूरी साम्रगी
चावल – डेढ़ कप
चना दाल/उड़द की दाल– पौन कप
नमक– स्वादानुसार
जीरा- 1 से 2 चम्मच
रातभर पानी में भिगो कर रख दें
छिलका रोटी बनाने के लिए सबसे पहले एक बर्तन में चावल और चने की दाल/उड़द की दाल डाल लें, फिर इन्हें रातभर पानी में भिगो रखा दें. सुबह इनका पानी निकाल दें. अब चावल और दाल को मिक्सर में डालकर गाढ़ा पेस्ट बना लें. इस पेस्ट को एक बर्तन में निकालें और इसमें स्वाद के अनुसार नमक डालें. फिर इसमें जीरा डालकर अच्छी तरह से मिला लें. अब गैस पर एक नॉनस्टिक तवा को मीडियम आंच पर गर्म करें. अब तवे पर थोड़ा सा तेल लगाकर चिकना कर लें. इसके बाद एक कटोरी या चम्मच से पेस्ट को तवे पर डालकर फैला लें. इसे हल्का ब्राउन होने तक सेंकें. फिर रोटी को पलटें और दूसरी तरफ भी सुनहरा होने तक सेंक लें. बस आपकी छिलका रोटी तैयार है.
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