Navratri 2024, Vastu Tips: कन्या पूजन में कन्याओं को लगाए आल्ता, मिलेगा मातरानी का आशीर्वाद

नवरात्रि के कन्या पूजन समारोह को आल्ता लगाने की प्राचीन परंपरा से और पवित्र बनाएं। जानिए इस धार्मिक अनुष्ठान का सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व और कैसे यह माता रानी का आशीर्वाद दिलाता है.

By Pratishtha Pawar | October 8, 2024 3:35 PM
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Navratri 2024, Vastu Tips: नवरात्रि का पर्व हर साल पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. विशेष रूप से अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन का आयोजन होता है, जिसमें नौ कन्याओं को देवी के रूप में पूजने की परंपरा है. कन्याओं को भोजन कराकर, उन्हें दान-दक्षिणा और वस्त्र प्रदान कर श्रद्धालु माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. वास्तु शास्त्र (According to Vastu) के अनुसार, यदि कन्या पूजन (Kanya Poojan) के समय कन्याओं के पैरों में आल्ता (Alta) लगाया जाए, तो इससे मातरानी का विशेष आशीर्वाद मिलता है.

 वास्तु शास्त्र के अनुसार आल्ता का महत्व

वास्तु शास्त्र में रंगों और प्रतीकों का बहुत महत्व होता है. विशेष रूप से लाल रंग (Red Color) को शुभ और शक्ति का प्रतीक माना जाता है. आल्ता, जो कि लाल रंग का होता है, देवी के चरणों का प्रतीक माना जाता है. जब कन्याओं के पैरों में आल्ता लगाया जाता है, तो इसे देवी माँ के पवित्र चरणों का संकेत माना जाता है. लाल रंग ऊर्जा, शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक है और इससे देवी दुर्गा का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है.

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 कन्या पूजन के दौरान आल्ता लगाने की विधि

कन्या पूजन के समय आल्ता लगाने की प्रक्रिया को शुभ माना जाता है. सबसे पहले, घर को शुद्ध और स्वच्छ करें. पूजा स्थान पर मां दुर्गा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. उसके बाद, नौ कन्याओं का विधिपूर्वक स्वागत करें. पूजा के दौरान प्रत्येक कन्या के पैरों में सावधानीपूर्वक आल्ता लगाएं. ध्यान रखें कि आल्ता पूरी श्रद्धा और भक्ति से लगाया जाए.

 आल्ता लगाने से मिलने वाले लाभ

वास्तु शास्त्र के अनुसार, कन्या पूजन के समय आल्ता लगाने से न केवल मातरानी का आशीर्वाद मिलता है, बल्कि यह घर में सुख, शांति और समृद्धि भी लाता है. लाल रंग के आल्ता से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो घर में नकारात्मकता को दूर करता है. इसके अलावा, यह धार्मिक अनुष्ठान परिवार के सदस्यों को मानसिक शांति और आत्मिक संतुष्टि भी प्रदान करता है.

 मातरानी का आशीर्वाद और वास्तु का संबंध

वास्तु शास्त्र का कहना है कि पूजा के दौरान यदि सही रीति-रिवाजों का पालन किया जाए और विशेषकर कन्या पूजन में आल्ता लगाने का महत्व समझा जाए, तो देवी का आशीर्वाद प्रबल होता है. यह न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि वास्तु के अनुसार, यह परिवार की समृद्धि, शांति और कल्याण को भी सुनिश्चित करता है.

नवरात्रि के इस पावन पर्व पर, यदि आप कन्या पूजन में कन्याओं के पैरों में आल्ता लगाते हैं, तो आपको निश्चित रूप से देवी माँ का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा.

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