Shardiya Navratri 2023 : नवरात्रि पूरे देश में मनाए जाने वाले सबसे बड़े त्योहारों में से एक है. नौ दिनों के त्योहार में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती हैं. लेकिन खास तौर पर नवरात्रि में पार्वती, देवी लक्ष्मी और देवी सरस्वती की पूजा की जाती है. हलांकि पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, झारखंड और असम के राज्यों में शारदीय नवरात्रि को दुर्गा पूजा के रूप में मनाया जाता है.
यह साल का वह समय होता है जब सड़कें और घर रोशनी से सजे होते हैं, लोग अपने प्रियजनों को नए कपड़े उपहार में देते हैं और अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर इस त्योहार को मनाते हैं. देश के बाकी हिस्सों की तरह ही देश के दक्षिणी हिस्सों में भी नवरात्रि बहुत धूम-धाम के साथ मनाई जाती है. लेकिन दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में नवरात्रि के दौरान देवी सरस्वती की विशेष पूजा की जाती है.
केरल: केरल में नवरात्रि के आखिरी तीन दिन महत्वपूर्ण होता हैं. महाअष्टमी की शाम को पूजावैप्पु का आयोजन किया जाता है. अगले दिन, देवी सरस्वती की पूजा की जाती है, और किताबें और उपकरण देवी की मूर्ति को अर्पित किए जाते हैं. अंतिम दिन, पूजा एडुप्पु आयोजित की जाती है जहां किताबें और उपकरण हटा दिए जाते हैं. इस दिन विद्यारंबम किया जाता है, जहां दो से छह साल की उम्र के बच्चों को रेत या चावल पर अक्षर लिखने के लिए कहा जाता है. यह उनकी सीखने की यात्रा की शुरुआती प्रक्रिया का प्रतीक है.
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश: इन राज्यों में नवरात्रि के दौरान किए जाने वाले सबसे खूबसूरत अनुष्ठानों में से एक बथुकम्मा पडुंगा है. इसमें महिलाएं नवरात्रि के नौ दिनों तक फूलों का ढे़र ( फूलों की माला ) बनाती हैं और फिर आखिरी दिन, फूलों के ढे़र को जलाशय में प्रवाहित कर देती है. आंध्र प्रदेश के लोग नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान पूजा करने के लिए देवी दुर्गा के मंदिरों में जाते हैं. इंद्रकीलाद्री के शीर्ष पर स्थित कनक दुर्गा मंदिर में दशहरा उत्सव मनाया जाता है. त्योहार के नौ दिनों के दौरान, इष्टदेव अलग – अलग रूपों में प्रकट होते हैं.
तमिलनाडु: तमिलनाडु में, इस नौ दिनों के त्योहार में पहला तीन दिन देवी लक्ष्मी को समर्पित होता है, चौथा, पांचवां और छठा दिन देवी दुर्गा को समर्पित होता है. जबकि अंतिम तीन दिन देवी सरस्वती को समर्पित किया जाता है. पर्यावरण या पौराणिक कथाओं जैसे कुछ विषयों को चित्रित करने वाली पारंपरिक गुड़ियाएं जो पीढ़ियों से चली आ रही हैं, उन्हें घरों के सामने अस्थायी सीढ़ियों पर रखा जाता है. लोग अपनी गुड़िया को देखने के लिए अपने प्रियजनों के घर जाते हैं.
कर्नाटक: कर्नाटक में नवरात्रि मैसूर दशहरा के साथ मेल खाती है. यह त्योहार चामुंडी हिल की देवी चामुंडेश्वरी को समर्पित होता है. इस दौरान मैसूर की गलियां रोशनी से जगमगा उठती है और इसका नजारा देखने में काफी मनभावक होता है. राज्य के अन्य हिस्सों में, इस दिन, सजी हुई गुड़िया रखी जाती हैं और लोग अपने प्रियजनों के घर नारियल, कपड़े और मिठाइयां साथ लेकर जाते हैं.
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