Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज एक ऐसे दिव्य संत हैं जिनकी उपस्थिति में मन स्वतः ही शांत हो जाता है और आत्मा ईश्वर की अनुभूति करने लगती है. उनका स्वभाव अत्यंत सरल, मधुर और विनम्र है, जो किसी भी व्यक्ति के हृदय को सहज रूप से छू जाता है. उनके प्रवचन केवल धर्म का ज्ञान नहीं देते, बल्कि व्यक्ति को आत्मविश्लेषण और जीवन की सच्चाई से जोड़ते हैं. सोशल मीडिया के माध्यम से वे आज लाखों लोगों के अंतर्मन में श्रद्धा, प्रेम और संतुलन का दीप प्रज्वलित कर रहे हैं. जब भी कोई श्रद्धालु अपनी जीवन यात्रा की उलझनों को उनके समक्ष प्रस्तुत करता है, वे अत्यंत धैर्य, करुणा और सहजता से समाधान देते हैं. इन्हीं गुणों के कारण वे एक सच्चे संत, एक मार्गदर्शक और एक आध्यात्मिक प्रेरणा के रूप में स्थापित हैं. आजकल यूथ अकेलापन का शिकार होता जा रहा है, जिसका कहीं न कहीं एक कारण सच्चे साथी न मिलने के कारण होता है. प्रेम में अधूरा होना इंसान को पूरा होने के बाद भी अधूरा बना देता है. ऐसे में एक भक्त ने प्रेमानंद जी महाराज से कहा कि मैंने एक शख्स से प्रेम किया, लेकिन बाद में उसने मुझे धोखा दे दिया. इसका जवाब देते हुए प्रेमानंद जी महाराज ने प्रेम की परिभाषा बताया.
संबंधित खबर
और खबरें