वास्तु दोष तब होता है जब वास्तु के नियमों की अवहेलना होती है.वास्तु के नियमों की अवेहलना के बाद वास्तुदोष होना शुरू हो जाता है.यह घर में रहने वालों को शारीरिक व मानसिक रोगी बनाने में अहम भूमिका निभाता है. इससे मुक्ति के लिए कई तरह के उपाय करना जरूरी होता है.वास्तु दोष से मुक्ति के लिए कुछ नियमों का ढ़ंग से पालन होना जरूरी है.नियमों का पालन अगर ढ़ंग से किया जाए तो घर के वास्तु दोष दूर हो सकते हैं, और सभी लोग स्वस्थय रह सकते हैं. वास्तु दोष से मुक्ति के लिए मूल रूप से चारों दिशाओं और पांचों पंच तत्व की भूमिका होती है.
ये होती है बड़ी बीमारियां
वास्तु दोष से ऐसे तो कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होती है लेकिन कुछ ऐसी समस्याएं भी होती हैं जो काफी गंभीर मानी जाती हैं और समय पर अगर इनके लिए उपाय नहीं किए गए तो ये जानलेवा साबित हो सकते हैं. इनमें पेट से संबंधित समस्या, नींद ना आना, पैरों में दर्द और सूजन, दिल और हड्डी की बीमारी, थकान और बेचैनी, सर्दी-जुकाम रहना, गैस और रक्त संबंधी बीमारी और यौन रोग शामिल है. वास्तु दोष से इन बीमारियों का खतरा हमेशा आपके घर के ऊपर बना रहता है.आइये विस्तार से जानते हैं इनकी वजह और इसके लिए किए जाने वाले उपाय.
पेट संबंधी समस्या
वास्तु दोष होने से पेट से संबंधित बीमारियों का खतरा बना रहता है. वास्तुदोष के हिसाब से उत्तर पूर्वी दिशा में घर का किचन नहीं होना चाहिए.इस दिशा में रसोई का निर्माण अशुभ है और रसोई का इधर निर्माण करने पर पेट से संबंधित कई और रोगों का सामना करना पड़ सकता है.
गैस और रक्त संबंधी रोग
दीवारों पर रंग का भी वास्तु में भी महत्वपूर्ण स्थान होता है. घर में रंग का हमेशा ध्यान रखना चाहिए.अच्छे स्वास्थ्य के लिए दीवारों पर दिशा के अनुरूप हल्के एवं सात्विक रंगों का प्रयोग करना चाहिए ताकि वास्तुदोष दूर रहे.वास्तु के हिसाब से नारंगी या पीला रंग ब्लड प्रेशर,काला या गहरा नीला रंग वायु रोग,पेट में गैस, हाथ-पैरों में दर्द,गहरा लाल रंग रक्त विकार या दुर्घटना का कारण बन सकता है.
पैरों में दर्द की समस्या
पैरों में लगातार दर्द रहने का एक कारण घर में वास्तु दोष भी है. वास्तु के अनुसार पूरब की तरफ मुंह करके भोजन बनाना स्वास्थ्य के लिए बेहतर है.दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके खाना बनाने से पैरों में दर्द की संभावना भी बनती है.इसके अलावा रसोई घर में भोजन बनाते समय अगर मुंह दक्षिण की ओर है तो त्वचा एवं हड्डी रोग हो सकता है. पश्चिम की तरफ मुंह करके खाना बनाने से आख,नाक,कान और गले की समस्याएं हो सकती है.
नींद और थकान
नींद, थकान, सिरदर्द और बेचैनी का कुछ हद तक वास्तु से लेनादेना होता है.वास्तु के नियमों का पालन ना होने से ये सारी बीमारियां भी हो सकती है.स्वास्थ्य के हिसाब से पूरब की ओर पैर रखना अच्छा माना गया है.ऐसे बैठने या सोने से हेल्थ की समस्या नहीं होती है. इसके अलावा आय के स्त्रोत का भी निर्माण होता है. उत्तर की तरफ सिर और दक्षिण की तरफ पैर करके सोने से कई तरह की समस्या हो सकती है.
इससे नींद ना आने की बीमारी,सिरदर्द, बेचैनी और चक्कर जैसी बीमारियां हो सकती है.इसके अलावा दिन भर थके रहने की भी समस्या का सामना करना पड़ सकता है. आपके घर का उत्तरी दिशा में बिल्कुल भी जगह खाली ना हो और दक्षिण और पश्चिम बिल्कुल खाली हो तो नींद ना आने की समस्या हो सकती है.इसके अलावा वास्तु के अनुसार दक्षिण व पश्चिम दिशा का भारी व ऊँचा होना अच्छा माना गया है.
Also Read: भारतीयों ने बीते साल बनाए ये 5 बड़े रिकॉर्ड, गिनीज बुक में दर्ज हुआ नाम
यौन रोग
घर में उत्तर पूर्वी दिशा कटी हुई नहीं होनी चाहिए. यह कटा होने से घर में रहने वाले व्यक्ति रक्त विकार से ग्रस्त हो सकते हैं. यौन रोगों में वृद्धि होती है और प्रजनन क्षमता में कमी हो सकती है. उस स्थान पर रहने वाली स्त्रियों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है.
Also Read: लगातार रहती है तबीयत खराब तो अपनाएं ये वास्तु टिप्स, एक महीने में दिखने लगेगा सुधार
Liver Health: क्या आपको पता है खानपान के अलावा ये चीजें भी करती हैं लिवर को खराब?
Tips To Keep Roti Fresh: रोटी को रखना है एक दम ताजा, तो इन उपायों को आजमाएं
Rakhi Thali Decoration Ideas: सिम्पल थाली को बनाएं राखी के लिए खूबूसरत, यहां जानें बेस्ट डेकोरेशन आइडियाज
Raksha Bandhan Saree Design: रक्षाबंधन पर अपनाएं ये एलिगेंट साड़ी लुक्स, इन आइडियाज को करें ट्राई