युवाओं में इरेक्टाइल डिसफंक्शन के आंकड़े
NCBI की एक रिपोर्ट के मुताबिक 20 से 29 साल के करीब 8% पुरुष इस बीमारी के शिकार हैं. वहीं, 30 से 39 साल के करीब 11% पुरुष इस परेशानी से प्रभावित हैं.
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इरेक्टाइल डिसफंक्शन के मुख्य लक्षण
इरेक्शन पाने में परेशानी
इरेक्शन बनाए रखने में दिक्कत
यौन संबंध बनाने में रुचि कम हो जाना
आत्मविश्वास की कमी
इसके मुख्य कारण
हार्मोनल असंतुलन
टेस्टोस्टेरोन की कमी के कारण इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्याएं हो सकती हैं. इसके अलावा प्रोलैक्टिन हार्मोन का लेवल बढ़ने या थायरॉयड की गड़बड़ी के वजह से भी इरेक्शन में दिक्कत होती है.
डायबिटीज
उच्च ब्लड शुगर से नसें और रक्तवाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, जिससे इरेक्शन में परेशानी होती है.
अवसाद (डिप्रेशन)
दिमाग सेक्सुअल इच्छा का मुख्य स्रोत है. अवसाद के चलते दिमाग में केमिकल असंतुलन होता है, जिससे सेक्स ड्राइव कम हो जाती है.
यौन संबंध बनाने से पहले परफॉर्मेंस को लेकर चिंता होना
युवा पुरुष अक्सर यौन संबंध बनाने से पहले अपने परफॉर्मेंस को लेकर तनाव में रहते हैं. जिससे इरेक्शन हासिल करने में परेशानी होती है.
स्मोकिंग भी रक्त संचार को करता है प्रभावित
निकोटीन भी शरीर में रक्त संचार को प्रभावित करता है, जिससे इरेक्शन पाने में बाधा आती है.
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Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.