Navratri Navami Havan: अष्टमी-नवमी पर क्यों किया जाता है हवन, न करें ऐसी गलती, देखें हवन सामग्री लिस्ट

Navratri Navami Havan: हिंदू धर्म में हर प्रमुख पूजा में हवन जरूर किया जाता है. हवन की अग्नि और सुगंधित धुएं के जरिए यज्ञ, अनुष्ठान और पूजा का अंश नवग्रहों और देवताओं तक पहुंचाया जाता है, ताकि वे प्रसन्न रहें और अपना आशीर्वाद बनाए रखें.

By Bimla Kumari | October 7, 2024 11:37 AM
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Navratri Navami Havan: हिंदू धर्म में हर प्रमुख पूजा में हवन जरूर किया जाता है. हवन की अग्नि और सुगंधित धुएं के जरिए यज्ञ, अनुष्ठान और पूजा का अंश नवग्रहों और देवताओं तक पहुंचाया जाता है, ताकि वे प्रसन्न रहें और अपना आशीर्वाद बनाए रखें.

नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है और 12 अक्टूबर को खत्म होगी. दुर्गा पूजा की अष्टमी और नवमी तिथि पर हवन करने की परंपरा है. आपको बता दें कि इस बार अष्टमी तिथि का व्रत भी 11 अक्टूबर 2024 को रखा जाएगा. इस वर्ष अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर को दोपहर 12:31 बजे से शुरू हो रही है, जो 11 अक्टूबर को दोपहर 12:06 बजे समाप्त होगी. ऐसे में अष्टमी और नवमी तिथि दोनों का व्रत 11 अक्टूबर 2024 को रखा जाएगा.

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हवन के वक्त इन बातों का रखें ध्यान

  • हवन करते समय पूजा और तिलक के लिए अनामिका उंगली का इस्तेमाल करें.
  • हवन में आहुति देने के लिए अनामिका अंगुली में आम का पत्ता या कुशा धारण करें.
  • सोने, चांदी, पीतल, कांसे या पत्ते की थाली में हवन सामग्री रखकर आहुति दें.
  • हवन की लकड़ी में बेल, आम और पलाश की लकड़ी समेत सभी ग्रहों की लकड़ियां शामिल करें.
  • हवन के लिए काले तिल, जौ, घी, कपूर, गुग्गल, बेल, गुड़, मेवा आदि का प्रयोग करें. सामग्री की पूरी सूची आप नीचे देख सकते हैं.

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हवन में न करें ये गलतियां

  • हवन करते समय पैरों से आसन को न हिलाएं. आसन को हमेशा हाथ से फैलाना, हिलाना और उठाना चाहिए.
  • हवन को कभी अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए.
  • हवन सामग्री में भूलकर भी सफेद तिल नहीं डालना चाहिए.
  • हवन सामग्री में भूलकर भी कुमकुम, रोली या सिंदूर नहीं डालना चाहिए.
  • हवन समाप्त होने के बाद आसपास बिखरी हुई हवन सामग्री को अग्नि में नहीं डालना चाहिए.
  • हवन समाप्त होने के बाद हवन कुंड की अग्नि और राख को जल डालकर बुझाना नहीं चाहिए. कुंड की सारी हविष्य यानी सामग्री को अच्छी तरह जलाकर राख कर देना चाहिए.

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हवन सामग्री की पूरी सूची

नवरात्रि में अष्टमी-नवमी तिथि पर हवन करने के लिए सबसे पहले हवन कुंड की व्यवस्था करें. इसके बाद हवन के लिए ये सामग्री जुटाएं:

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पंचमेवा, जटा नारियल, गूलर की छाल, चंदन, कलावा, धूप, गुग्गुल, लोबान, शहद, अश्वगंधा, गाय का घी, फूल, मुलेठी की जड़, कपूर, पान, लौंग, इलायची, चीनी, पीपल का तना, छाल, बेल, नीम, तिल, मखाना, चावल, जायफल, सिंदूर, जौ, आम की लकड़ी, नवग्रह की लकड़ी.

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