ब्रेकअप के बाद खुद को कैसे संभालें
ओशो का मानना था कि अगर कोई रिश्ते में आपको छोड़कर गया है तो उसे जाने दें. अगर वो फ्यूचर में लौटता है तो समझ लीजिए वह आपका अपना है, अगर नहीं लौटता तो वह कभी आपका था ही नहीं.”ओशो का यह विचार बताता है कि किसी रिश्ते को पकड़कर रखने की बजाय उसे फ्री छोड़ना बेहतर है. जो जाने वाला होगा वह तो जाएगा ही. इसलिए ब्रेकअप के बाद खुद को दोषी मानकर उसे बार-बार याद कर रहे हैं, तो आपको ऐसा नहीं चाहिए. यह समय खुद को माफ करने और आगे बढ़ने का है.
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बॉस की डांट या ऑफिस में तनाव हो तो क्या करें?
ओशो की मानें तो कोई भी आपको तब तक नीचा नहीं दिखा सकता जब तक आप खुद को कम नहीं आंकते. ऑफिस में गलतियां होना सामान्य है, लेकिन बॉस की डांट के बाद खुद को कमजोर महसूस करना आपकी ऊर्जा को खत्म कर देता है. उनका मानना था कि गलती से सीखना चाहिए लेकिन खुद पर संदेह कभी नहीं करना चाहिए. क्योंकि आत्मबल और आत्मविश्वास ही इंसान की सबसे बड़ी ताकत होती है.
जब दुनिया आपकी न सुने, तो खुद की आवाज सुनें
ओशो का मानना ता कि दुनिया आपके बारे में पहले से ही बहुत कुछ कहती है, इसलिए उनकी बातों को न सुनकर पहले खुद को सुनना चाहिए. जब वो आपको किसी भी चीज के लिए जज करें तो पहले खुद को समझाएं. अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको किसी की बातों का कोई असर नहीं पड़ेगा. इसमें सबसे जरूरी चीज है ध्यान. क्योंकि यही वह जरिया है जिससे शांत अवस्था में आया जा सकता है. यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहद जरूरी है.
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