गुस्सा करना
माता-पिता का बेवजह बार बार गुस्सा करना बच्चों के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है. इससे बच्चे के मन में अपने माता पिता के प्रति लगाव कम होने लगता है. साथ ही बार बार गुस्सा करने की वजह से बच्चे आपसे अपने मन की बात भी नहीं कह पाते.
गलतियों को नजरअंदाज करना
माता-पिता का गलतियों को नजरअंदाज करना बच्चों को जिद्दी बना सकता है. जब बच्चे गलतियां करते हैं और माता-पिता उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं, तो बच्चे को लगता है कि उनकी गलतियों का कोई परिणाम नहीं होगा. इससे बच्चे के व्यवहार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इसके बजाय, माता-पिता को बच्चे की गलतियों को सुधारने की कोशिश करनी चाहिए और उन्हें अपनी गलतियों के परिणामों के बारे में समझना चाहिए.
हर ख्वाहिशों को पूरी करना
जब बच्चों की सारी ख्वाहिशों को बड़ी ही आसानी से पूरा कर दिया जाता है तो उन्हें ऐसे लगने लगता है कि वे जो और जब चाहेंगे, वह उन्हें तब मिलेगा. माता-पिता का हर ख्वाहिशों को पूरी करना बच्चों को जिद्दी बना देता है. ऐसे बच्चे दूसरों की परेशानियों को भी समझने में सक्षम नहीं होते और अपनी बात मनवाने के लिए कुछ भी करने लग जाते हैं.
पिटाई करना
कई बार गलती करने पर माता पिता अपने बच्चों की पिटाई करने लग जाते हैं. इससे बच्चे के आत्मविश्वास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. पिटाई खाने की वजह से बच्चे जिद्दी होने लग जाते हैं.
दूसरों से तुलना करना
बच्चों की तुलना दूसरों से करना उन्हें जिद्दी और असुरक्षित बनाने का कारण बन सकता है. इससे बच्चे को लगता है कि वे दूसरों की तुलना में कम हैं और उन्हें अपने आप को साबित करने की जरूरत है. साथ ही बच्चों के मन में दूसरों के प्रति घृणा की भावना भी जागने लगती है. यह तुलना बच्चों में असुरक्षा और आत्म-संदेह की भावना पैदा कर सकती है, जिससे वे जिद्दी और विद्रोही बन सकते हैं.
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