खुलकर करें बात
अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे ऑनलाइन दुनिया में हो रहे क्राइम या फिर गलत चीजों से बचे रहे तो ऐसे में आपको उनसे खुलकर बात करनी चाहिए. अपने बच्चों से शांत होकर खतरों के बारे में बात करें. अगर वे इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं तो गुस्सा न करें बल्कि उनसे अच्छे से बात करते हुए पीछे छिपे खतरों के बारे में उन्हें समझाएं. अपने बच्चों को साइबर फ्रॉड और साइबर बुलिंग के बारे में जरूर बताएं. अपने बच्चों को बताएं कि अगर वे इंटरनेट पर अपनी निजी जानकारी शेयर करते हैं तो इसके क्या खतरे हो सकते हैं. जब आप उनसे खुलकर बात करते हैं तो वे भी आपसे किसी भी चीज को लेकर खुलकर बात पर पाते हैं.
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पैरेंटल कंट्रोल और प्राइवेसी सेटिंग्स को करें एक्टिवेट
अगर आपके बच्चे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर अपना काफी ज्यादा समय बिताते हैं तो ऐसे में आपको पैरेंटल कंट्रोल और प्राइवेसी सेटिंग्स को एक्टिवेट कर देना चाहिए. अगर आपको नहीं पता तो बता दें लगभग सभी सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर आपको यह ऑप्शन देखने को मिल जाता है. जब आप इन सेटिंग्स को एक्टिवेट कर देते हैं तो ऐसे में आप इस चीज को तय कर सकते हैं कि आपके बच्चे को कौन मैसेज कर सकता है, किन साइट्स या फिर प्रोग्राम्स को आपके बच्चे खोल नहीं सकते हैं, स्क्रीन टाइम लिमिट कर सकते हैं और साथ ही ऑनलाइन लोकेशन शेयरिंग को बंद भी कर सकते हैं.
पासवर्ड्स और ऑनलाइन अकाउंट्स पर दें ध्यान
आपके बच्चे कई बार बिना सोचे-समझे ऐसे ऐप या फिर वेबसाइट्स पर अकाउंट बना लेते हैं. ऐसे में यह काफी जरूरी हो जाता है कि आप उन्हें एक स्ट्रांग और यूनिक पासवर्ड का इस्तेमाल करना जरूर सिखाना चाहिए. इन पासवर्ड्स को किसी अन्य के शेयर करने से भी मना करें. इस बात पर हमेशा नजर रखें कि आपके बच्चे किन वेबसाइट्स पर विजिट कर रहे हैं और उनपर क्या अपलोड करते हैं.
साइबर क्राइम रिपोर्ट करना
अपने बच्चे को बताएं कि अगर इंटरनेट पर कुछ गलत हो जाए या फिर कोई धोखा हो जाए तो इसकी शिकायत करनी कहां है. अगर आपका बच्चा किसी साइबर क्राइम का शिकार हो जाता है तो उसे बिना देरी किये और डरे साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर सम्पर्क करने को कहें. केवल यहीं नहीं वे अगर चाहें तो ऑफिशियल पोर्टल पर जाकर भी शिकायत कर सकते हैं.
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