कमरे की सफाई
अक्सर जो माएं होती है वे अपने बच्चे को कोई भी घर का काम करने देने से कतराती है. लेकिन, अगर आपके बच्चे की उम्र 10 साल से ज्यादा हो चुकी है तो आपको उसे अपने कमरे की सफाई की जिम्मेदारी आपको जरूर सौंपनी चाहिए. सफाई के साथ ही अपने बच्चे को चीजों को सही जगह पर रखने की सीख देना भी आपके लिए काफी जरूरी हो जाता है. जब आप ऐसा करते है तो उसे चीजों को सही तरीके से रखने की सीख मिलती है और साथ दूसरों पर उसकी निर्भरता भी कम होगी.
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अपना काम खुद करने की सीख
अगर आप चाहते है कि आपके बच्चे जीवन में खूब तरक्की करें और उनमें कभी भी आत्मविश्वास की कमी न हो तो ऐसे में आपको उन्हें अपने कामों को खुद करने की सीख देनी चाहिए। होमवर्क से लेकर छोटे-मोटे फैसले उन्हें खुद लेने के लिए बढ़ावा दें. जब आप ऐसा करेंगे तो उनमें आत्मविश्वास की कोई कमी नहीं रहेगी. अगर आपको लगे कि आपका बच्चा गलती कर रहा है तो आपको उसे गाइड करना चाहिए.
किचन के काम
अक्सर माएं अपने बेटे को किचन का काम करने नहीं देती है. उन्हें ऐसा लगता है कि सिर्फ बेटियों को ही किचन का काम करना चाहिए. अगर आप एक मां हैं और आपकी सोच भी ऐसी ही है तो आपको कभी भी ऐसा सोचना नहीं चाहिए. आपको अपने बेटे को भी किचन का काम करने के लिए मोटिवेट करना चाहिए. खाना पकाना एक बेसिक स्किल है जिसे सबको सीखना चाहिए. अगर आपके बेटे को खाना पकाना आएगा तो वह दूसरों पर खाना पकाने के लिए निर्भर नहीं रहेगा.
कपड़ों की देखभाल करना सिखाएं
अगर आपके बच्चे की उम्र 12 से 15 साल के बीच है तो ऐसे में आपको उन्हें कपड़ों की देखभाल करने की जिम्मेदारी जरूर सौंपनी चाहिए. अपने बच्चे को कपड़ों को धोना और उन्हें व्यवस्थित करके रखना सिखाएं. यह एक जरूरी स्किल है और इस छोटी सी चीज को सीखकर आपके बच्चे में कॉन्फिडेंस बढ़ता है.
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