Premanand Ji Maharaj: क्यों मां को कहा गया है ‘पहला गुरु’, सुनिए प्रेमानंद महाराज का भावुक जवाब
Premanand Ji Maharaj: जानिए प्रेमानंद जी महाराज ने मां को 'पहला गुरु' क्यों कहा. उनके भावुक शब्दों में छिपा है मातृत्व और जीवन का संदेश जो दिल को छू जाएगा.
By Shinki Singh | May 15, 2025 5:05 PM
Premanand Ji Maharaj: मां एक ऐसा शब्द जो सिर्फ पुकारने से ही सुकून दे देता है. जब बच्चा इस दुनिया में आता है तो सबसे पहले जिसे वह महसूस करता है,वह होती है मां. मां को केवल जीवनदायिनी नहीं, बल्कि ‘पहला गुरु’ माना गया है और इसका कारण जितना गहरा है उतना ही भावुक भी.संत प्रेमानंद जी महाराज ने एक प्रवचन में जब मां के महत्व पर बात की तो हर श्रोता की आंखें भर आईं.
मां हमें देती है जीवन जीने की असली शिक्षा
संत प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि मां ही वह पहली शिक्षक होती है जो बिना किसी शब्द के अपने बच्चे को जीवन की सबसे महत्वपूर्ण शिक्षा देती है. वह अपने आंचल में स्नेह, सुरक्षा और प्रेम का एहसास देती है और यही प्रेम बच्चे के जीवन का पहला पाठ बनता है. मां का दिल ही वह पहली पाठशाला होती है जहां से जीवन के हर छोटे बड़े सबक की शुरुआत होती है.वह न केवल शरीर के पोषण का काम करती है बल्कि आत्मा और मानसिकता के लिए भी सबसे पहले मार्गदर्शन करती है.
मां के प्रेम की कोई तुलना नहीं
प्रेमानंद जी महराज ने बताया कि मां से हमको वह प्रेम और सुरक्षा मिलती है जो हमें आत्मिक बल और जीवन में आगे बढ़ने की दिशा देती है. वह हमारे पहले गुरु के रूप में हमारी आदतों, विश्वासों और मूल्यों को आकार देती हैं.किसी भी शिक्षा का असल अर्थ तब ही समझ में आता है जब वह हमारे दिल तक पहुंचती है और मां के प्रेम की कोई तुलना नहीं. यही कारण है कि उसे पहला और सबसे महान गुरु माना जाता है.