जब शब्द मौन से भारी हों, तो साईं बाबा की सीख को करें याद

Sai Baba Quotes: साईं बाबा के अनुसार, सच्ची भक्ति वही है जब हम दूसरों के दुःख को अपना मानकर उनकी सहायता करें. उनके जीवन का आधार प्रेम, करुणा और सत्य था. वे मानते थे कि बिना भेदभाव के सेवा ही ईश्वर की सच्ची पूजा होती है.

By Shashank Baranwal | April 20, 2025 10:38 AM
an image

Sai Baba Quotes: साईं बाबा ने हमेशा यह सिखाया कि इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है. उनके लिए न कोई जाति मायने रखती थी, न कोई मजहब- हर इंसान उनके लिए एक समान था. वे कहते थे कि सच्ची भक्ति तब होती है जब हम दूसरों के दुःख को समझें और मदद के लिए आगे आएं. प्रेम, करुणा और सत्य उनके जीवन के मूल मंत्र था. साईं बाबा का विश्वास था कि जब हम बिना किसी भेदभाव के सेवा करते हैं, तभी ईश्वर की सच्ची पूजा होती है. उनके विचार आज भी लोगों को इंसानियत और सच्चाई की राह पर चलने की प्रेरणा देते हैं.

  • साईं बाबा कहते थे, बोलने से पहले सोचें – क्या यह सत्य है, जरूरी है, और क्या यह मौन से बेहतर है?

यह भी पढ़ें- साईं बाबा के अमृत वचनों में छुपा है जीवन का सार

यह भी पढ़ें- साईं बाबा के 10 अनमोल विचार, जो बदलकर रख देंगे आपका जीवन

  • साईं बाबा के अनुसार, इंसान को कमल की तरह बनना चाहिए- सूरज उगते ही खिले, और कीचड़ में रहकर भी निर्मल और अछूता बना रहे.
  • जब मनुष्य स्वयं को ईश्वर का अंश समझेगा और दूसरों में भी उसी दिव्यता को देखेगा, तभी उसे अपने जीवन के सच्चे उद्देश्य का अनुभव होगा. यही आत्मबोध और परस्पर सम्मान, उसे धरती पर सार्थकता प्रदान करेगा.
  • कभी भी किसी के प्रति कटु या जहरीले शब्दों का प्रयोग न करें, क्योंकि शब्दों का घाव तीर से भी अधिक पीड़ादायक होता है.
  • संसार में यदि कोई सच्ची भाषा है तो वह हृदय की भाषा है और यदि कोई महान धर्म है तो वह केवल प्रेम का धर्म है.
  • दुनियावी कार्य करो, पर उनसे बंधो मत. जीवन संसार में बिताओ, लेकिन संसार को अपने मन और आत्मा पर हावी न होने दो.
  • जिस पल आप स्वयं को ईश्वर से जोड़ते हैं, वही ध्यान की अवस्था होती है. ईश्वर से संपर्क ही ध्यान का सच्चा रूप है.

Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह से इनकी पुष्टि नहीं करता है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

Life and Style

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version