मुश्किल हालातों में भी मन रहेगा शांत, याद रखें नीम करोली बाबा की ये 3 बातें

Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा का जीवन दूसरों की सेवा, दया और सकारात्मकता का प्रतीक था. वे हमेशा अपने अनुयायियों को यही सिखाते थे कि सच्चा सुख दूसरों की भलाई में है. उनका मानना था कि इंसान को नकारात्मकता से दूर रहकर नेक कार्यों की ओर अग्रसर होना चाहिए. आज भी उनके विचार लोगों के जीवन को रोशनी दिखाते हैं.

By Shashank Baranwal | April 6, 2025 11:48 AM
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Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा 20वीं सदी के उन आध्यात्मिक संतों में से एक थे, जिन्होंने अपनी सादगी, भक्ति और करुणा से लाखों लोगों का जीवन प्रभावित किया. उन्हें हनुमान जी का अवतार माना जाता है और उनके भक्त उन्हें परम श्रद्धा से पूजते हैं. बाबा का उत्तराखंड स्थित कैंची धाम आश्रम आज भी देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आस्था और शांति का केन्द्र बना हुआ है. नीम करोली बाबा का जीवन दूसरों की सेवा, दया और सकारात्मकता का प्रतीक था. वे हमेशा अपने अनुयायियों को यही सिखाते थे कि सच्चा सुख दूसरों की भलाई में है. उनका मानना था कि इंसान को नकारात्मकता से दूर रहकर नेक कार्यों की ओर अग्रसर होना चाहिए. आज भी उनके विचार लोगों के जीवन को रोशनी दिखाते हैं. यदि आप अपने जीवन में सुख, शांति और उद्देश्य चाहते हैं, तो नीम करोली बाबा के उपदेशों को अपनाना शुरू करें.

  • नीम करोली बाबा का मानना था कि जीवन में उतार-चढ़ाव आना स्वाभाविक है. अच्छा समय हो या बुरा, दोनों ही स्थायी नहीं होते. इसलिए जब मुश्किलें आए, तो घबराने के बजाय खुद को शांत रखें और भरोसे के साथ उसे ईश्वर पर छोड़ दें. वहीं, जब समय अनुकूल हो, तब भी अहंकार या घमंड करने की जगह विनम्र बने रहें. बाबा के अनुसार, सच्ची समझ उसी में है जो हर परिस्थिति में शांत और संतुलित बना रहे.

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  • नीम करोली बाबा का मानना था कि बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा चिंतन करता है, जबकि मूर्ख चिंता में उलझा रहता है. उनके अनुसार, चिंता करना नकारात्मकता को जन्म देता है और व्यक्ति को भीतर से कमजोर कर देता है. इसके विपरीत, चिंतन सोच को दिशा देता है और समाधान की ओर ले जाता है. इसलिए अगर जीवन में संतुलन और सफलता चाहिए, तो बेवजह की चिंता छोड़कर गहराई से चिंतन करना सीखें.
  • नीम करोली बाबा कहा करते थे कि जीवन में सही दिशा पाने के लिए एक गुरु का होना बेहद जरूरी है. यह गुरु कोई भी हो सकता है – माता-पिता, शिक्षक या कोई सच्चा मार्गदर्शक. भले ही गुरु की बातें कभी-कभी कड़वी लगें, लेकिन उनका उद्देश्य हमेशा आपके हित में ही होता है. वे आपको सही और गलत में फर्क करना सिखाते हैं और जीवन के कठिन रास्तों पर सही राह दिखाते हैं. इसलिए बाबा हमेशा जीवन में एक सच्चे गुरु को अपनाने की सलाह देते थे.

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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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