Travel India Feels Like Europe : यूरोप का फील देते हैं भारत के ये टूरिस्ट प्लेस

यूरोप घूमने का सपना देख रहे हैं और किसी कारण से अपने सपने को हकीकत में नहीं बदल पा रहे हैं, तो मलाल न करें. आप भारत में ही यूरोप जैसे नजारे, वास्तुकला और माहौल का एहसास कर सकते हैं. जानें यूरोप का फील देने वाले भारत के पर्यटन स्थलों के बारे में...

By Preeti Singh Parihar | July 17, 2025 6:21 PM
an image

Travel India Feels Like Europe : भारत में ऐसे कई शहर हैं, जिनके बारे में हम सुनते हैं कि ‘फलां-फलां शहर अंग्रेजों का बसाया हुआ है’. ब्रिटिश काल में बसाये गये इन शहरों में कई शहर ऐसे हैं, जहां आज भी यूरोपीय वास्तुकला की मिसाल पेश करती इमारतें मौजूद हैं. इसके अलावा प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर भारत के कई हिल स्टेशन भी यूरोप के अल्पाइन गांवों जैसे दिखते हैं.

शिमला

ब्रिटिशकाल में शिमला भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी थी. दिल्ली की गर्मी से बचने के लिए अंग्रेजों ने यह शहर बसाया था. आप अगर शिमला जाते हैं, तो यहां के माल रोड में पहुंच कर आपको लगेगा जैसे आप यूरोप के किसी शहर में हैं. यूरोपीय वास्तुकला की कई सदियों पुराने इमारतें शिमला शहर और उसके आस-पास के कस्बों में देखी जा सकती हैं. यहां स्थित वायसराय लॉज, जिसे आज इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी के रूप में जाना जाता है, 1888 में ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड डफरिन के काल में बनकर तैयार हुई थी. ब्रिटिश साम्राज्य के ग्रीष्मकालीन मुख्यालय के रूप में बनायी गयी ये इमारत यूरोपीय वास्तुकला की एक खूबसूरत मिसाल है. इमारत के चारों ओर ऊंचे देवदार, दूर तक फैली हरियाली और बह रही ठंडी हवा आपको यूरोप का एहसास करायेंगे. शिमला देश का एक ऐसा हिल स्टेशन है, जो रेल मार्ग से जुड़ा है. आप सड़क मार्ग से भी यहां आसानी से पहुंच सकते हैं.

पुडुचेरी

पुडुचेरी, जिसे पहले पांडिचेरी के नाम से जाना जाता था, इसे भारत की फ्रेंच रिवेरा भी कहा जाता है. यह भारत में एक ऐसी जगह है, जहां आप हर गली, हर इमारत में फ्रांसीसी संस्कृति और कला को महसूस कर सकते हैं. यहां की रंगीन दीवारें, शांत समुद्रतट, यूरोपीय शैली की गलियां और फ्रांसीसी भोजन का स्वाद आपको किसी विदेशी शहर का अनुभव करायेंगे. आप यहां फ्रेंच औपनिवेशिक शैली की वास्तुकला को देख और महसूस कर सकते हैं. यहां रेल, सड़क व हवाई मार्ग के जरिये आसानी से पहुंचा जा सकता है. चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से पुडुचेरी की दूरी लगभग 135 किलोमीटर है.

लैंसडाउन

शांत, सुरम्य और औपनिवेशिक विरासत से भरपूर लैंसडाउन उत्तराखंड का एक ऐसा हिल स्टेशन है, जो अब भी ब्रिटिश काल की सादगी और आकर्षण को समेटे हुए है. देवदार और चीड़ के जंगलों से घिरा यह बहुत मद्धिम गति से चलने वाला पहाड़ का एक छोटा सा शहर है, जो गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंट का ट्रेनिंग सेंटर भी है. इसलिए यहां आपको अन्य हिल स्टेशनों की तरह भीड़ और कंक्रीट की इमारतें नहीं मिलेंगी. लैंसडाउन आपको  यूरोप के किसी शांत ग्रामीण इलाके की तरह लगेगा, जहां औपनिवेशिक काल में बने बंगले, चर्च और धुंध में लिपटी चीड़ से ढकी पहाड़ियां हैं. कोटद्वार तक रेल मार्ग से पहुंच कर आगे की 40 किलोमीटर की दूरी सड़क मार्ग से तय कर आप यहां आसानी से पहुंच सकते हैं.

मैकलॉडगंज

हिमाचल प्रदेश में स्थित यह हिल स्टेशन तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा का घर भी है. यहां के किसी शांत कैफे में बैठकर आप बर्फीले पर्वतों को निहारते हुए तिब्बती शांति और यूरोपीय अल्पाइन गांव को एक साथ महसूस कर सकते हैं. यहां के आरामदायक कैफे, बेकरी और बुक कैफे यूरोपीय गांवों की याद दिलाते हैं और यहां स्थित बौद्ध मठ इसे गहराई और शांति से भरते हैं. दिल्ली से बस एवं टैक्सी के जरिये सड़क मार्ग से अथवा पठानकोट तक रेल मार्ग और वहां से तीन घंटे की सड़क यात्रा कर आप  मैकलॉडगंज पहुंच सकते हैं.  मैकलॉडगंज का निकटतम हवाई अड्डा गग्गल है. यहां से मैकलॉडगंज लगभग 30 किमी दूर है. 

खज्जियार

भारत का मिनी स्विट्जरलैंड कहे जाने वाले खज्जियार में घने देवदार के जंगल के बीच घास का विशाल मैदान और एक छोटी सी झील है, जो मध्य यूरोप के अल्पाइन गांवों से काफी मिलती जुलती है. हिमाचल के प्रसिद्ध हिल स्टेशन डलहौजी से 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह जगह कैंपिंग के लिए भी मुफीद मानी जाती है. पठानकोट रेलवे स्टेशन से इस जगह की दूरी आप सड़क मार्ग से तीन घंटे में तय कर सकते हैं. 

यह भी पढ़ें: Monsoon Getaways In India : मानसून के मौसम में घूमने के लिए भारत के बजट फ्रेंडली डेस्टिनेशन

यह भी पढ़ें : Best Monsoon Trek In India : एडवेंचर के हैं शौकीन, तो मानसून में कर सकते हैं यहां की ट्रैकिंग

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version