UNESCO Heritage Sites: अपनी अनोखी कलाकृतियों के लिए विख्यात है ये संरचनाएं
UNESCO Heritage Sites: भारत में मौजूद कई ऐसी विश्व विख्यात संरचनाएं हैं, जो यूनेस्को वैश्विक धरोहर स्थल की लिस्ट में शामिल है. ये संरचनाएं अपनी अनोखी वास्तुकला और कलाकृतियों के लिए दुनिया भर में मशहूर हैं. अगर आप भी इतिहास में रुचि रखते हैं तो जरूर विजिट करें ये संरचनाएं.
By Rupali Das | July 6, 2024 11:00 AM
UNESCO Heritage Sites: यूनेस्को वैश्विक धरोहर स्थल में शामिल कई ऐसे मंदिर, गुफाएं और ऐतिहासिक संरचनाएं हैं, जो अपनी अनूठी और अनोखी वास्तु, स्थापत्य कला और कलाकृतियों के लिए विश्व प्रसिद्ध है. ये जगहें पर्यटन स्थल के रूप में भी काफी लोकप्रिय हैं. यहां हर साल हजारों-लाखों सैलानी घूमने और समृद्ध ऐतिहासिक विरासत को देखने आते हैं. भारत में मौजूद ऐसी ही विश्व प्रसिद्ध संरचनाएं हैं:
हम्पी,कर्नाटक
प्राचीन भारत के समृद्ध विजयनगर साम्राज्य की राजधानी रही हम्पी में मौजूद स्मारकों का समूह इतिहास प्रेमियों के लिए लोकप्रिय जगह है. यह जगह सालों भर पर्यटकों से भरी रहती है. यहां मौजूद प्राचीन मंदिर हिंदू समुदाय के आकर्षण का मुख्य केंद्र है.
एलीफेंटा की गुफाएं,महाराष्ट्र
विश्व प्रसिद्ध गेटवे ऑफ इंडिया से महज 12 किमी दूर मौजूद है, एलिफेंटा की गुफाएं. यहां मौजूद सात कलात्मक गुफाओं को पहाड़ काटकर दक्षिण भारतीय मूर्तिकला शैली में बनाया गया है. ये गुफाएं भव्य शिव मंदिर और कलाकृतियों के लिए पर्यटकों के बीच में काफी मशहूर है.
तमिलनाडु के महाबलीपुरम में मौजूद स्मारकों का समूह, मामल्लापुरम के नाम से भी जाना जाता है. ये स्मारक अपनी अनूठी द्रविड़ वास्तुकला और जटिल नक्काशी के लिए विख्यात है. ये स्मारक प्राचीन पल्लव वास्तुकला और मूर्तिकला का नायाब उदाहरण है.
चोल मंदिर, तमिलनाडु
ये विश्व प्रसिद्ध मंदिर चोल साम्राज्य के समृद्धि की निशानी हैं, जो अपनी मूर्तिकला के लिए मशहूर है. ये मंदिर तमिल सभ्यता की असाधारण वास्तुकला का प्रमाण हैं.
अजंता और एलोरा की गुफाएं, महाराष्ट्र
ऐतिहासिक महत्व और उत्कृष्ट कलाकृतियों से समृद्ध अजंता और एलोरा की गुफाएं सैलानियों के बीच लोकप्रिय हैं. इन गुफाओं के पत्थरों पर उकेरी गई कलाकृतियां लोगों के बीच आकर्षण का मुख्य केंद्र है. ये गुफाएं महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित हैं.
सूर्य मंदिर, ओडिशा
ओडिशा के पुरी जिले में मौजूद सूर्य मंदिर काले ग्रेनाइट से निर्मित प्रसिद्ध धार्मिक और पर्यटन स्थल है. यह मंदिर भगवान जगन्नाथ की नगरी से मात्र 35 किमी दूर स्थित है.