हर दिन की पूजा बने असरदार, जब आप मानेंगे ये आसान वास्तु टिप्स

Vastu Tips: जहां श्रद्धा और नियमपूर्वक पूजा होती है, वहां देवी-देवताओं की कृपा सदैव बनी रहती है. हालांकि, कई बार हम श्रद्धा तो रखते हैं लेकिन वास्तु से जुड़ी छोटी-छोटी बातों की अनदेखी कर बैठते हैं, जिससे पूजा का संपूर्ण फल नहीं मिल पाता है. पूजा स्थान की सही दिशा, सफाई और स्थान का चयन जैसे नियमों का पालन करना जरूरी है.

By Shashank Baranwal | April 18, 2025 1:49 PM
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Vastu Tips: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ को आत्मिक शुद्धि और ईश्वर से जुड़ने का श्रेष्ठ मार्ग माना गया है. रोजाना की पूजा न केवल मानसिक शांति देती है, बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य भी बढ़ाती है. ऐसा विश्वास है कि जहां श्रद्धा और नियमपूर्वक पूजा होती है, वहां देवी-देवताओं की कृपा सदैव बनी रहती है. हालांकि, कई बार हम श्रद्धा तो रखते हैं लेकिन वास्तु से जुड़ी छोटी-छोटी बातों की अनदेखी कर बैठते हैं, जिससे पूजा का संपूर्ण फल नहीं मिल पाता है. पूजा स्थान की सही दिशा, सफाई और स्थान का चयन जैसे नियमों का पालन करना जरूरी है, जिससे पूजा का प्रभाव और आध्यात्मिक ऊर्जा पूरी तरह प्राप्त हो सके.

इस दिशा में हो मंदिर

घर के मंदिर का स्थान वास्तु शास्त्र में बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. इसे सही दिशा में स्थापित करना आवश्यक है, क्योंकि मंदिर के लिए सबसे शुभ दिशा उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) और पूर्व है. यदि मंदिर की दिशा गलत हो, तो इससे पूजा का फल अधूरा रह सकता है और घर में वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है. इसलिए मंदिर की दिशा का ध्यान रखना आवश्यक है, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे और समृद्धि का वास हो.

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इस दिशा में बैठकर करें पूजा

वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजा करते समय बैठकर पूजा करना शुभ फल देने वाला होता है, जबकि खड़े होकर पूजा करने से उतना लाभ नहीं मिलता. पूजा के दौरान आपका मुख हमेशा पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए, क्योंकि यह दिशा ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक मानी जाती है. इसके साथ ही मंदिर में भगवान की मूर्ति का मुख दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए, क्योंकि इससे वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है और पूजा का प्रभाव कम हो सकता है.

मंदिर के पास में न हों ये चीजें

घर का मंदिर शुद्धता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक होता है, इसलिए इसकी स्वच्छता अत्यंत आवश्यक है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजा से पहले स्नान करना और साफ कपड़े पहनना चाहिए. पूजा स्थल को हमेशा साफ रखें और वहां कोई गंदगी न हो. साथ ही ध्यान रखें कि मंदिर के पास शौचालय न हो और न ही पूजा घर को सीढ़ियों के नीचे बनवाना चाहिए. इन नियमों का पालन करने से पूजा का फल बढ़ता है और घर में शुभता बनी रहती है.

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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह से इनकी पुष्टि नहीं करता है.

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